जाने कब तुम जिन्दगी में शामिल हो गये थे,ऐसा लगता था
कि जिन्दगी उस मोड़ पर चली आई है जहाँ बाकी कुछ पाने की
चाह ही ना रही हो।पर क्या कभी ठहर पाते है,जिन्दगी के
वो पल-
"ये रात आज कुछ खामोश सी है,जैसे बस तुम्हारी कमी हो।
क्या कभी लौटकर अाओगे तुम??कभी कभी ऐसा लगता है तुम दूर कहाँ
हो,ये हवा जब मुझको छूकर गुजरती है
तो कभी तुम्हें खुद मे महसूस कर लेती हूँ।
मेरी आँखें जब किसी खूबसूरत नजारे को
देखती है तो यूँ लगता है,ये बस तुम ही हो।
पर मैं जानती हूँ ये ख्वाबों की झूठी दुनिया है।
ये ख्वाबों की झूठी दुनिया है।
काश! बता पाते तुम
क्या खता हुई थी मुझसे,जो तुम आज इतने
खामोश हो।
क्या कभी ये खामोशी टूटेगी,या मेरी आँखें
इस झूठे इन्तजार मे जीती रहेगी।
ये खामोश रात और भी खामोश हो जाती है,
जब ये ख्याल इस दिल को डराते है।"
काश!लौट आओ तुम।
काश! लौट आओ तुम।
क्या कभी तुम इस रात के सन्नाटे
में मेरी हंसी बनकर फिर से गूँज पाओगे??
क्या मेरी पलको को वो पल नसीब
होगा कि तुम्हारे आने की खुशी में
चन्द आँसू गिरा सके,
ये सोचकर ये रात और भी खामोश हो जाती है।
EmoticonEmoticon