कभी कभी

एक शाम जो तुम्हारे बिना गुजरी थी,खामोशी ओर
हर तरफ बस तुम्हारी ही कमी थी।कितने अजीब
ख्यालात थे उस रोज,जब तुमने मुझे तुम्हारे बिना
रहने के लिए कहा था,कुछ अल्फाज उमड अाये थे


जब कभी ख्याल आता है तुम्हारा



"कभी कभी यूँ लगता है,मेरी खामोशी तुम्हें समझ नही अाती,मेरे अल्फाज जो अाज भी तुम्हारे इन्तजार मे बैठे है,क्या कभी सुन पाओगे तुम उन्हें।
कभी कभी यूँ लगता है,मेरी दुआओं मे नाम हो तुम्हारा
तुम्हें ये गँवारा भी तो नही,पर क्या कह पाओगे तुम मुझे
कभी कि मेरे लिए दुआएँ करना छोड़ दो।
कभी कभी यूँ लगता है,मेरा ना होना कभी तो तुम्हें भी
परेशान करता होगा,पर जता पाओगे क्या कभी तुम??"
कभी तुम्हारे ना होने से मेरी आँखों मे आंसू छलक
अाते है,क्या कभी वो शाम अाएगी जिस रोज तुम
मुझे इजाजत दे दोगे तुम्हारे लिए मुस्कुराने की।
कभी कभी मेरे दिल में ये ख्याल आता है कि,क्या
मेरी दुआओ मे इतना असर होगा,कि तुम्हारे
नाम से हर दुआ कबूल होगी।
कभी कभी मेरे होठों की हँसी ओर आँखों की नमी
दोनों बन जाते हो तुम।
कभी कभी यूँ लगता है काश लौट आओ तुम।
कभी कभी यूँ लगता है काश लौट आओ तुम।"


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तुम ओर मैं

  💓💓 एक रोज तुमने कहा था-
💖💗💖
💗💖💗
"ये दिल अजीब है अक्सर सवाल करता है,
जवाब जिनका नहीं वो सवाल करता है।"
ओर मैनें तुम्हें खामोशी से जवाब दिया था -
"तुम चुप रहोगे तो क्या ये दिल,❤❤
सवाल करना बंद कर देगा।
मेरी खामोशी जो दिन रात सवाल पूछती है,
कब तक छिपा पाओगे तुम उसे।"🌌🌌
तम्हारी यादें


🌠🌠तुम यकीन नहीं करना चाहते थे खुद पर
इसलिए ही तो कह बैठे थे👦👦
"बहुत देखें है हमने हन्गामे मोहब्बत के,
अागाज भी रूसवाइ अन्जाम भी रुसवाई ।"


ऐसा लगा था उस रोज तुम्हें खुद पर
यकीन नहीं था,पर मुझे तुम पर खुद से भी ज्यादा
यकीन था,मैनें मन ही मन कहा था -👩👩
"क्यों लगता है तुम्हें मैं तुमसे रुसवा हूँ
खुद से भी कभी कोई नाराज़ होता है क्या??"

वो खामोश बाते



💑ये मेरी ओर तुम्हारी खामोश बातें रात के ढलते
पहर तक चलती रही थीं।💑
वो शाम काश फिर से लौट आती।
वो शाम काश फिर से लौट आती।💞💞


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बारिश ओर तुम

मेरी कलम के अल्फाज तुमसे शुरू होकर तुम तक सिमट जाते है।
कभी कभी यूँ लगता है कि तुम बारिश के जैसे हो।☔☔
कितनी दफा बिन बूंदों के भिगोया है तुमने।🌂🌂


बारिश की बूँदें




कितनी दफा मैनें तुम्हें इन बारिश की बूंदों के रुप में हथेलियों पर इकठ्ठा किया है।
कितनी दफा कहा मैंने तुमसे कि तुम मेरी अमानत हो,मेरी हथेली पर ये बूँद मेरी है।
ये बारिश जब जब आएगी तुम हमेशा मेरी अमानत रहोगे,मेरी हथेली पर तुम्हारा वो एहसास हमेशा रहेगा।
सदियों तक तुम यूँ ही ये बारिश बनकर मेरी हथेली पर वो याद बनके रह जाओगे,👦
ये बारिश ओर तुम एक जैसे हो,
ये बारिश ओर तुम एक जैसे हो|


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