प्यार का NPA

Best Sentimental Feelings


"तुम्हारी वो मुस्कान,जो हर रोज एक बूम कंपनी की तरह बढती थी,
और मैं बिना सोचे समझे,उस पर अपने प्यार का लोन लुटा देती थी।
तुम्हारी वो मासूमियत,जिसने मुझे कभी तुम्हारी क्रेडिट रेटिंग नहीं चेक करने दी,मुझे हमेशा तुम्हारी अच्छाई के शेयर ऊपर दिखाती रही।
और मैं पब्लिक सेक्टर बैंक की तरह देखकर भी कुछ देखना नहीं चाहती थी।
मेरी आँखों के सामने वो तुम्हारी हमेशा साथ निभाने वाली
सिक्योरिटीज थी,और मैं तुम्हें बिना परवाह किये अपने इमोशन्स के LOU देती रही।"

डिफाल्टर हो तुम



"कहाँ परवाह की थी मैंने,कि तुम एक दिन उधार लेते -लेते मुझको ही अपना बना लोगे।
और मेरे पास बाकी कुछ भी नहीं बचेगा मेरा,जिसके दम पर कह पाऊँ,कि माक्रेट में आज भी मेरी वेल्यू है।
तुम पर खुद को लुटाते लुटाते,कभी ख्याल ही नहीं किया कि इस प्यार की भी कोई आधार दर होती है।"




"आज पीछे पलटकर देखूँ,तो ये प्यार NPA बन चुका है।
आज तुम जा चुके हो,मुझे छोडकर माल्या की तरह।
तुम्हारे सारे वादे झूठे थे तुमको हुनर आता है उधार लेने का।
क्या लौटा पाओगे कभी,मेरे आँसुओं के इंटरेस्ट को,
क्या लौटा पाओगे कभी,मेरे प्यार की कैपिटल को?"




"नहीं लौटा पाओगे तुम कभी भी,इस प्यार की कैपिटल को,
क्योंकि मैं जानती हूँ,तुम एक विलफुल डिफाल्टर हो।
क्योंकि मैं जानती हूँ,कि तुम बेवजह ही चले आये थे मेरी जिन्दगी में अपनी मासूमियत की सिक्योरिटीज लेकर।"




"काश प्यार की कोई NCLT होती,
फिर मैं तुमसे पूछती,कि आँखों से बहने वाले आँसू तालाब का पानी नहीं होते।
काश SARFAEI एक्ट की तरह बोली लगाकर,मैं तुम्हें अपनी जिंदगी में वापस ले आती।
काश तुम SDR की इक्विटी बनकर हमेशा के लिए मेरे अपने बन जाते।"



"काश जिन्दगी में कोई Rbi होता।
काश जिन्दगी में कोई Rbi होता।"




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जब अल्फाज रूठे से हो

Best Sentimental Feelings


"जब कलम उठाकर भी चुप रह जाऊँ,
जब ये सारी खुदाई कुछ रूठी सी हो।
तब एहसास होता है कि जिन्दा रहने के लिए
तुम्हारा होना भी लाजिमी है।
जब खफा हो तुम तो जैसे,डायरी के वो पन्ने बेजुबाँ हो जाते है,जो तुम्हारे होने से अक्सर मुस्कुराते रहते है।"




तुम्हारे बिन मेरी डायरी



"कलम की स्याही कुछ फीकी सी पडने लगती है,
और मेरी आँखों में इंतजार होता है तुम्हारी एक मुस्कान देखने का।
सूखे गुलाबों की तरह सिमटती जिन्दगी अक्सर मुझसे सवाल करती है,
कि इतनी बेपरवाह थी मैं,जो तुमने कभी पलटकर भी
देखना ना चाहा।
क्या इतनी ही फिक्र थी मुझे तुम्हारी कि तुम्हारी मुस्कान के लिए कभी पलटकर सवाल भी ना पूछ पायी।"




"हालातों की कुछ मजबूरियों ने मुझको कुछ ऐसे जकडा है,कि तुम्हारे बिना मुस्कुराना चाहूँ तो एक सजा सा लगता है।
लेकिन तुम्हारी तो कोई मजबूरी नहीं है,तुम आज भी मुस्कुरा सकते हो।
और मैं बस तुम्हें मुस्कुराते हुए देखकर ही मुस्कुरा लूंगी।
पर क्या मुमकिन होगा अपनी डायरी के पन्नों से उन आँसुओं को मिटा पाना,जिनकी वजह से आज भी कुछ अक्सर धुंधले से है।"


सूनी डायरी


"कभी बड़े इतमीनान से कहा था तुमने,
मेरे जैसे तो लाखों मिल जायेंगे।
और मैं बस चुप हो गयी थी,तुम्हारी किसी बात को टालना भी नहीं सीखा था।
लाखों तो मिले है मुझे,पर तुम जैसा कहाँ कोई मिल पाया है।
तुम तो आज भी सबसे जुदा हो,तुम्हें देखकर आज भी चेहरे पर वो निश्छल मुस्कान आ जाती है।
जो अक्सर तुम्हारे बिना ढूंढने से भी नहीं मिल पाती।"






"अजीब फलसफा है ये जिन्दगी का अल्फाज जिनके लिए खत्म हो जाते है,
अक्सर उन्हें ही सबसे ज्यादा कहना होता है।
जब वो शख्स रूठे से हो,तो अक्सर ये अल्फाज भी रूठ जाते है।"






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इस तूफान को गुजर जाने दो

Best Motivational feeling


हर आँधी को गुजर जाने दो,सारे सैलाब को उमड़ जाने दो।
हिलना नहीं है मुझे मेरी राहों से।
एक रोज ऐसा आयेगा कि जिन्दगी के ये सारे तूफान गुजर जायेंगे।
तब सूरज की लालिमा मेरे चेहरे पर होगी और ये सबकुछ बदल जायेगा।
ना पैरों में काँटे लगेंगे,ना आँसुओं से पलके भीगेगी।
एक सुकून मेरे चेहरे पर होगा,हर मुश्किल को हराने का।


मैं जीत कर दिखाउंगी



"आज खड़ी हूँ मैं अपनी ही राहों पर और तूफान मुझे घेरे है।
जिन्दगी की ये हवा मेरे पैर उखाडना चाहती है।
लेकिन मैं भी कसम खाकर आयी हूँ कि जीते -जी हिलूंगी नहीं।
मेरी साँसो की हवा में इस तूफान की हवा से ज्यादा ताकत है।
आज मुकाबला इस हवा का उस हवा से है।
बेखबर नहीं हूँ मैं इस बात से भी,कि ये हवा उस हवा का ही हिस्सा है।
पर आज ये मेरे अंदर है,मेरा जुनून है,मेरी ताकत है,जिसके बलबूते मैंने इतने साल जियें है।




"आज फिर से मेरी वो ताकत मुकाबले में खड़ी है,
और एक उदघोष मैं आज इस मुकाबले से पहले ही करती हूँ कि मेरे पास जीत का विकल्प नहीं है।
और मुझे हराने वाली कोई ताकत नहीं है,
क्योंकि जिंदा रही तो जीतकर ही रहूँगी,
मैं ना रही तो वो ओर बात है।"




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रात तुम ख्वाबों में आये थे

Best romantic feelings




"कल रात तुम ख्वाबों में आये थे,
और मैंने चुपके से मुस्कुराकर कहा था,
कि मैं तुम्हें याद करूँगी।"


"तुम यूँ कहकर मुस्कुराकर चल दिये थे,
कि मैं कक्षा पांच का लेसन तो नहीं,जो तुम इतनी आसानी से याद कर पाओगी।"


वो तुम्हारी मेरी बचपन की बातें



"मैंने तुम्हारा हाथ पकडकर वापस बैठा लिया था और कहा था -
तुम मेरी किताबों में होते तो मैं कब की एग्जाम में पास हो गयी होती।
पर हाँ ये भी सच है कि तुम अब मेरी कलम से मेरी किताबों में ढलने लगे हो।
आज नहीं तो कल कक्षा पांच का लेसन भी बन जाओगे।"


"तुमने अपना हाथ छुडाया था और फिर से खडे होकर चल दिये थे,
तुमने मुस्कुराकर कहा था -
मुझको लिखने में तुम्हारी उम्र ढल जायेगी।
और मैंने तुम्हें बीच में रोकते हुए कहा था -
मैं भी तो बस यहीं चाहती हूँ कि तुम्हारे सांये में ये उम्र ढल जाये।"


"इस बार तुम और मैं दोनों खामोश हो गये थे,
ना तुम मुस्कुरा पाये थे और ना मैंने तुम्हारे हाथ को पकडकर खींचा था।
कुछ पल की खामोशी हम दोनों के बीच घुल गयी थी।
और फिर तुमने ही इस खामोशी को तोड़ा था"


"तुम्हारी आँखों में कुछ बैचेनी सी थी,
और तुमने बस यूँ कहा था -
मुझे अच्छा लगता है तुम्हारा याद करना,
तुम्हारी डायरी के पन्नों में कैद होकर,मैं हमेशा तुम्हारे पास रह जाना चाहता हूँ।
ताकि तुम मुझे हमेशा याद रख पाओ पांचवी कक्षा के लेसन की तरह।
ताकि मैं तुम्हारी फेवरिट वो कविता बन जाऊँ,जिसको तुम आज तक नहीं भूल पायी हो।
मैं चाहता हूँ कि मेरे सांये में ढलकर तुम मेरी परछाईं बन जाओ।
ताकि फिर कभी तुमसे जुदा होने का डर ना मुझको सताये।"




"मेरी आँखों के वो कुछ आँसू जो तुम्हारी बातों से छलक आये थे,मैंने उन्हें तुम्हारी हथेली पर इकट्ठा करके कहा था -
तुम दूर हो तो ऐसे बन जाते हो,तुम अक्सर मुझमें इन आँसुओं के जरिए पिघल जाते हो।"


"मेरा दिल हल्का करने को,जैसे तुम फिर से मुस्कुरा उठे थे और कहने लगे थे -
तुम्हारी ये आँखें मेरी अमानत है,इनमें आँसू भी मैं हूँ और दीवानगी भी मैं।
डर लगता है मुझे तुम्हारे आँसुओं से भी ज्यादा तुम्हारी दीवानगी से।
कहीं ऐसा ना हो,एक दिन तुम मुझे किसी कक्षा के सिलेबस में ढाल दो,
और फिर बच्चों को मेरी वजह से पिटना पडे।"


पांचवी क्लास की बातें




"मैंने तुम्हारी हथेली पकडते हुए वो आँसू नीचे गिराते हुए मुस्कुराकर कहा था -
अभी कहाँ देख पाये हो तुम ये दीवानगी।
एक दिन तुमको कुछ ऐसे लिख दूंगी कि तुम
बस मेरी नज्म बनकर रह जाओगे।
शायर लिखने से पहले तुमको पढेंगे।"


"तुमने मुस्कुराते हुए मुझे मारने के लिए हाथ बढाया था,
और मैं चीखते हुए बोली थी -बचाओ।
और रात का ये हसीन ख्वाब टूट गया था।
ना तुम थे,ना तुम्हारी कोई बात।
थी तो बस वो मुस्कान जो तुम्हें याद करके अक्सर मेरे चेहरे पर आ जाती है।"






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बड़ा कौन इन्सान या इंसानियत

बड़ा कौन?इन्सान या इंसानियत



           ये मेरे व्यक्तिगत विचार है, जिनका मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पंहुचाना नहीं है| मेरी एक छोटी सी कोशिश कि मैं अगर किसी एक व्यक्ति की भी सोच में, उसकी जिंदगी में इस आर्टिकल से अगर थोडा सा भी बदलाव ला पाई तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी और इस आर्टिकल को लिखने का मेरा उद्देश्य पूर्ण होगा|


मानवता के लिए सोचे


      मानव भगवान की सबसे श्रेष्ठ रचना, जिसे उसने अपने सभी प्राणियों में सबसे ज्यादा अधिकार दिए हैं या यूँ कहे कि अपने सभी जीवों के साथ कुछ भी करने का अधिकार दिया हैं|राजनीतिक भाषा में कहूँ तो वीटो शक्ति यानि विशेषाधिकार, लेकिन क्या हम इस विशेषाधिकार का सही प्रयोग कर रहे हैं या नहीं? यही सबसे बड़ा सवाल जो मेरे ज़ेहन पर काबिज़ है| बड़ा कौन है? हम इन्सान या हमारी इंसानियत,जिसके बूते हम इन्सान कहलाने के लायक हैं| विनम्रता, सज्जनता, परोपकार दयालुता और प्रेम ये सभी गुण इंसानियत के गुण माने जाते हैं,जिससे हम इन्सान कहलाते हैं, लेकिन आज सभ्य समाज का बहुत बड़ा हिस्सा,जो खुद को इन्सान कहता है, इंसानियत के उन्ही गुणों को कहीं खोता सा जा रहा है|



            प्रेम सिमटकर आपसी प्रेम तक सीमित हो गया है जबकि प्रेम का सम्पूर्ण अर्थ हर उस जीव से प्रेम से जो इस प्रकृति में मौजूद है| दयालुता के नाम पर किसी भिखारी को भीख दे देना या फिर किसी की मदद कर देना तक सीमित कर दिया है| इंसानियत का हर गुण आज स्वार्थ के नीचे दबकर अपना असली रूप खो रहा है। आज अपने स्वार्थ के लिए,हम ना जाने कितने पशु-पक्षियों को मार रहे हैं| भगवान अपने बनाये हर प्राणी से प्रेम करता है, माना कि इन्सान से उसे सबसे ज्यादा प्यार है लेकिन उसने इन्सान को ये अधिकार कभी नहीं दिया, की वो उसके ही बनाये दूसरे जीवों की अपना पेट भरने के लिए या अपने स्वार्थ के लिए हत्या कर दे| उसने प्रकृति में हम इंसानों के लिए ना जाने कितने प्रकार की वनस्पतियाँ बनायी है, अगर हर रोज एक नयी वनस्पति भी खायी जाए तो,खत्म नही होगी| प्रकृति में रहने वाले कोई भी जीव अपना गुणधर्म नही छोड़ता है,सिवाय इन्सान के| तो फिर इन्सान ही क्यों अपने गुणधर्म को छोड़ता है,वो तो इस पृथ्वी की श्रेष्ठ रचना है|                   




       मुझे एक छोटी सी कहानी याद आ गयी, जो इस बात को साबित करती है कि इंसान के लिए आज उसका अंहकार, उसकी झूठी शान और उसका स्वार्थ सर्वोपरि है| इन सबके बीच पशु-पक्षियों के बीच आज भी उनके गुणधर्म बाकी है| एक मोहल्ल्ले में एक गरीब महिला रहती थी| जिसका एक छोटा सा बेटा, जिसकी आयु एक वर्ष और शराबी पति था|उसका पति कुछ नहीं करता था| एक दिन बारिश हो रही थी| महिला काम पर नहीं जा सकी, कुछ कमाई नहीं हुई| पति दिन भर घर के बाहर ही आवारा घूमता रहा| शाम होते-होते जब घर में कुछ बनाने की बारी आई तो कुछ नहीं था| औरत का बच्चा भूखा था, ऊपर से कुछ ना खाने की वजह से वो बच्चे को अपना दूध भी नहीं पिला पाई| शाम तक आते-आते बच्चा दूध के लिए बिलख उठा था| बारिश भी रुकने का नाम नहीं ले रही थी| पिछले कई दिनों में पड़ोसियों के घर से भी वो औरत कई बार दूध मांग चुकी थी| इसलिए हिम्मत नहीं हो रही थी फिर से मांगने की, लेकिन बच्चे को बिलखता देख औरत से रहा ना गया और बच्चे को घर छोड़कर बारिश में ही एक उम्मीद के साथ फिर से पड़ोसियों के घर चली गई, लेकिन किसी ने उसे दूध नहीं दिया| जब रोते हुए वो वापस आई तो उसे बच्चे के किलकारियों की आवाज़ नहीं आई,जिस कारण वो डर गई और घर में बच्चे को इधर-उधर ढूढ़ने लगी|





      एक कोने में देखा तो वो चकित रह गई| वो कुतिया जिसे वो हर रोज बची हुई रोटी से टुकड़ा दे देती थी, वो अपने छोटे-छोटे पिल्लो को दूध पिला रही थी और साथ में उस बच्चे को भी| मैंने जब ये कहानी पढ़ी तो मेरी आँखों में आंसू आ गये थे| प्रकृति के हर जीव के अन्दर प्रेम और दया बाकि है जबकि हम इंसानों ने प्रेम और दया को भी अपने स्वार्थ में ढाल लिया है| हम ना जाने कितने चूजों को खा लेते हैं सिर्फ अपनी भूख मिटाने के लिए, बिना ये सोचे कि इसे भगवान ने जीवन दिया है| हम होते कौन हैं किसी के जीवन का अधिकार छिनने वाले? एक बार ये सोचे कि कोई हमारे नवजात शिशु को मारने लगे सिर्फ अपनी भूख मिटने के लिए तो क्या सह पायेंगें| लेकिन हम ये बिना सोचे हर रोज भोजन में ना जाने कितनी माँओं के बच्चों को खा जाते है| अक्सर ये सवाल मेरे जेहन ने आता है कि बड़ा कौन, इन्सान या इंसानियत? बड़ा कौन है, हम इंसानों का स्वार्थ, भूख, प्यास, स्वाद या फिर वो गुण जिसके कारण हमें इन्सान कह जाता है|





      ये हम इंसानों की सोच ही है जो कहती है कि अगर ये ना खाया तो मैं रह नहीं पाऊंगा| अगर एक बार दूसरे तरीके से सोचा जाए कि मैं दिन में दो अंडें खाता हूँ यानि दो जीव तो एक महीने में साठ जीव, एक साल में सात सौ तीस जीव, अगर मैं इसी तरह इन जीवों को चंद मिनटों का अपनी जीभ का स्वाद ना बनाकर बचाऊं तो अपनी पूरी जिंदगी में कितने जीव बचा सकता हूँ और उनकी दुआएं ले सकता हूँ| अक्सर मैंने लोगो को कहते सुना है कि फला दिन व्रत करना है तो अब नॉनवेज नहीं खाना या अब नवरात्र के व्रत चल रहे हैं, अब नॉनवेज मत खाना| भगवान के सामने नॉनवेज खाकर जाने से लोग कतराते हैं| भगवान मंदिर में नहीं बैठा है जो जाते ही तुम्हे पकड़ लेगा कि नॉनवेज क्यों खाया? भगवान को तो तुम खा चुके हो, उसके एक अंश को| अगर वो मंदिर में बैठा होता तो सबसे ज्यादा जूते मंदिर के सामने से चोरी ना होते और दूसरी बात भगवान से कहाँ-कहाँ तक झूठ बोलोगे? पूरी जिंदगी जब नॉनवेज खाकर उसके सामने हाजिर होओगे तब कैसे बचोगे? अगर इतना ही डर है उस भगवान का या इतना ही प्यार है उससे तो उसके दिए गुणों को क्यों छोड़ रहे हो? उसकी बनायीं चीजों के साथ क्यों छेड़खानी कर रहे हो?





         भगवान ने प्रकृति में हर चीज संतुलन के लिए बनाई है और हम इंसानों की जरुरत का ख़ास ख्याल रखा है| ठंडक के लिए हवा बनाई है| गर्माहट के लिए धूप बनाई है| छाया के लिए पेड़ बनाया है| यहाँ तक कि इस बात का भी ख्याल रखा है कि गर्मी में ठंडा पानी चाहिए तो जमीन से ठंडा पानी निकलता है और सर्दी में गर्म पानी चाहिए तो जमीन से गर्म पानी निकलता है| पेट भरने के लिए अलग-अलग तरह की वनस्पतियाँ बनाई है| हर बीमारी का इलाज वनस्पतियों में दिया है और उसका मानव को दिया गया सबसे बड़ा उपहार बुद्धि है  जिससे भगवान के बनाए किसी भी जीव को हम अपनी जरूरत के अनुसार इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन उसने ये अधिकार किसी भी अन्य जीव को नहीं दिया कि हम उसके अनुसार काम करें| मानव को उसने स्वतंत्र बनाया है और बाकि सभी जीवों को मानव के अधीन किया है लेकिन इतना फर्ज तो हमारा भी बनता है कि उसने जो जिम्मेदारी हमे सौंपी उसका हम सही इस्तेमाल करें, उसका दुरूपयोग ना करें या फिर जो हमारे अधीन है, जिसकी जीवनरेखा हमारे हाथ में है, उसे अपनी जरूरत में इस्तेमाल भले ही कर ले,लेकिन उसके जीवन को समाप्त ना करें क्योंकि बड़ा इन्सान नहीं उसकी इंसानियत है| 




      

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तुम(ईश्वर) थे मेरी हर मुश्किल में साथ


Best touching feelings


तुम(ईश्वर) थे मेरी हर मुश्किल में साथ



कहते है की ईश्वर यहीं हैं ,हम सबके बीच,बस एक नजरिया चाहिए उसे देखन का| कभी वो किसी रूप में हमारे सामने   आता है,तो कभी किसी रूप में| लेकिन जब एक पुरुष की जिन्दगी में पहली दफा एक छोटा बच्चा दस्तक देता है,जो उसे पहली बार पिता कहे |उसकी जिन्दगी के सारे  गम उसके आने के बाद फीके पड़ने लगे,तो उसके लिए वही ईश्वर लौट आता है|उसके दिल में कुछ ऐसे ख्याल आते है| जिनको मैंने कलमबद्ध करने की एक छोटी सी कोशिश की है|


बच्चे के रूप में ईश्वर को पाना




"मेरे आँगन में आये जब तुम एक किलकारी के साथ
स्नेह बरसता तुम पर सबका,ना रहा कोई उदास।
मन की करुणा व्यथा की सुनते हर आवाज़,
सुनकर खुद ही पहुँच गये एक किलकारी के साथ |"




"दरस तुम्हारे जो हुए नैनो का भ्रम टूटा,
रूपहीन थे तुम तो,पर मेरे आँगन में पहुंचे थे हर रूप रंग के साथ|
बिखर रही थी सांसे,हो रही थी बस एक  पुकार
इन आँसुओ को पोंछ लो,और आकर थामो हाथ |
हाथ बढाया आज तुमने ही मेरी अंगुली थामने को,
साथ मुझे चाहिए था या तुम्हे,तुम्हारे हाथ बढाते ही भूल गया मैं ये बात |
मेरे आँगन में आये तुम जब एक किलकारी के साथ |"

एक पिता का प्यार



"अश्क आँखों से सूख गये थे तुम्हारे दरस पाकर,
मेरे संग तुम खेल रहे थे,अपनी आँखों में लीला से इन अश्को को दिखलाकर |
नही पता था अश्क मुझे पोंछने है या तुम आये हो ,इन अश्को में मेरे साथ|
मेरे आँगन में आये जब तुम एक किलकारी के साथ|
स्नेह बरसता तुम पर सबका,ना रहा कोई उदास|"



इंसानियत कहाँ खो रही है -Read More




 "हर विपत्ति से बचाते थे तुम पिता बनकर मुझको,
डर जब भी लगता,हाथ जोडकर बन जाता मैं दास ,
अंधेरो में अक्सर कह देता,हे! परमपिता संभालो मुझको,
रोशनी का एक दीपक दे दो,यूँ तुम्हारा तडफाना नही आता रास|
पिता तुम थे मेरी हर विपत्ति में साथ,
पर पिता तुम्हारा मैं बन जाऊंगा न ही था ये विश्वास|
मेरे आँगन में आये जब तुम एक किलकारी के  साथ |
स्नेह बरसता तुम पर सबका  ना रहा कोई उदास|"



मेरे आँगन में आये जब तुम एक किलकारी के  साथ,
स्नेह बरसता तुम पर सबका  ना रहा कोई उदास|





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जाने किस चौराहे पर मिल गया था

Best Sentimental feelings



जाने किस चौराहे पर मिल गया था 

उससे दूर होकर



"अपनों को साथ लेकर चले थे राहों में,
और आज पलटकर देखूँ तो खुद का सांया भी तो साथ नहीं है।
जाने किस चौराहे पर मिल गया था वो,
जिसके पास आज खुद को छोड़ आये है।
हाथ तो जब भी खाली थे,जब वो नहीं था।
हाथ तो आज भी खाली है जब वो नहीं है,
मैंने उसे रेत की तरह मुटठी में सम्भालना चाहा था।
और रेत अक्सर बंद मुटठी से ही फिसल जाता है।"

मुट्ठी से रेट की तरह फिसल गया




"जिन्दगी आगे बढना चाहती है और मेरी आँखें आज भी उसको तलाशती है।
दो पल के हमराही बने थे,और जिन्दगी भर के वादे कर लिए थे।
कब सोचा था कि वादे अक्सर टूट जाया करते है।
ये रात ढलना चाहती है और मैं रोकना चाहती हूँ,
ये रात उसकी तरह ही है,जो मुझको छोड़कर आगे बढ जाना चाहती है।
उसे ये जिद्द थी कि मेरे आँसू मिटाकर रहेगा,
जबकि मुझको ये खबर थी कि एक दिन उसको भी आँसू ही दे जाने है।"



"मैंने हर राह से आगे बढना सीख लिया था,
पर एक राह पर आज भी रुक जाती हूं,जिस राह पर हम दोनों साथ बढे थे।
मेरी आँखों में इंतजार भी नहीं उसके लौट आने का,क्योंकि मुझको ये खबर है कि वो कभी वापस नहीं आयेगा।
पर अक्सर कभी खुद से सवाल कर लेती हूँ,क्या कभी जाने वाले वापस लौट आया करते है।"




"मेरा दिल दुआएँ कर देता है उसके लिए,
क्योंकि अक्सर यूँ ही राह चलते हुए मिल जाने वाले अजनबी अपने बन जाया करते है।
मैं चाहती हूँ कि उसकी याद का हर एक आँसू बह जाये,
ताकि फिर कभी वो मुस्कान बनकर मेरे चेहरे पर ना आये।
क्योंकि वो चौराहा आज भी सुनसान है,जिस पर मैं खुद को उसके पास छोड़कर गयी थी।
वो आगे बढ चुका है कहीं और मैं आज भी उस राह पर उसे तलाशती हूँ।


मेरी डायरी-Read More




उसकी हर एक याद मिट जायेगी तो मुझको ख्वाहिश ना होगी कभी,खुद को बीते हुए कल में तलाशने की।
क्योंकि बीता हुआ कल कभी लौटकर नहीं आता।
और ना मिट पाते है कभी वो प्यार के अल्फाज जो उसने मुझसे कहें थे।"


"काश कभी वो अल्फाज भी मिट पाते।
काश कभी वो अल्फाज भी मिट पाते।"




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तुम्हारा साथ होना ही काफी है

Best Sentimental Feelings



तुम्हारा साथ होना ही काफी है



"तुम्हारा साथ होना ही काफी है ये जिन्दगी गुजारने को,
चाहत नहीं है कि हर वक्त हाथ थामकर चलो।
तुम्हारे सामने रोते हुए चंद आँसू गिरा देना ही काफी है,
ख्वाहिश नहीं है कि इन आँसुओं को तुम्हारी हथेलियों पर इकट्ठा करके तुमसे कहूं कि इस दिल में कितनी चाहत है तुम्हारे लिए।
तुम्हारा होठों पर एक खामोश मुस्कान बनकर आ जाना ही काफी है,चाहत नहीं है कि तुम्हारे होठों पर मैं भी मुस्कान बनकर थिरकूँ।"

tumhare sang jindgi



"तुमने बस इतना कह दिया है कि मैं तुम्हारे साथ हूँ।
इतना ही काफी है इन राहों पर अकेले चले जाने के लिए।
तुम बेवजह ही अपने बन गये हो,यूँ ही राह चलते -चलते,
इतना ही काफी है इस जिन्दगी से प्यार जताने के लिए।"



"तुमने कह दिया है कि हर मुश्किल गुजर जायेगी,
ख्वाहिश नहीं है कि तुम हर मुश्किल में साथ निभाने आओ।
तुम्हारी बातों में मेरा जिक्र आ जाना ही काफी है,
चाहत नहीं है कि तुम कभी प्यार जताओ।
मेरी जिन्दगी में तुम्हारा शामिल होना ही काफी है,ख्वाहिश नहीं है कि तुम मेरे हमराही ही बन जाओ।"



"मेरे सपनों में तुम्हारा आ जाना ही काफी है,
जरूरी नहीं है कि तुम हकीकत में भी मेरे बन जाओ।
मेरी जिन्दगी में तुम्हारी बेवजह की दस्तक ही काफी है,
जरूरी तो नहीं कि,तुम भी प्यार जताओ।
मैंने तो बस हमेशा प्यार बाँटना सीखा है,
ख्वाहिश नहीं है किसी का प्यार पाने की ........




"क्योंकि जिन्दगी सिर्फ देने का नाम है,
माँगने से भीख भी नहीं मिलती।
मैंने इस जिन्दगी से प्यार बाँटना सीखा है,,"

"मैंने इस जिन्दगी से सिर्फ प्यार बाँटना सीखा है,
हमेशा बस प्यार ही लुटाऊँगी।"


"क्योंकि खुदा ने मुझे दूजो के गम लेने और
मुस्कान देने भेजा है।
बस यही तो जिन्दगी है,
बस यही तो जिन्दगी है।




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इन्सानियत कहाँ खो रही है

Best Poems

इन्सानियत कहाँ खो रही है



"बाजारो की भीड़ में इन्सानो को पहचानूँ कैसे??
काम,लोभ में फंसे इन बेअदब में भावनाएं जानूँ कैसे??
कुछ तृष्णा,वासना के बदले भावनाएं बिकती है मोल।
आज इन भूखे शैतानों ने इन्सासियत को लिया है तोल।"

बदलते इन्सान



"चारों तरफ ढूंढू तो सच्चाई है बस कुछ बाशिंदों में,
मजबूरियों में जकडें है जो इन शैतानों के फंदों में।
आंच नहीं है झूठ को,सच जलकर होता राख।
इन लोगों के पास बची है बस आत्मा की खाक।"

"सच्चा बंदा है अभागा,गैर बिरादरी इन लोगों के बीच,
सारे दर्द तकलीफ सहता,रहने को इनके करीब।
होता है व्यापार यहाँ पर परमात्मा के नाम पर,
गारंटी लेते है एक अर्जी पूरी करने की,
सट्टे लगते उसके काम पर।"




"परमात्मा भी आज गली चौराहों पर बिकता है,
जिसकी जितनी बड़ी हैसियत,उतना बड़ा ही ईश्वर मिलता है।
हाथ जोडते जो सबसे ज्यादा,वो ही लूटते सबसे ज्यादा
चुनाव समय में जो हजारों वादे कर जाते,
पूरा करने के वक्त वो नज़र नहीं आते।"



"पालनकर्ता ही आज सबको खसोटता,
हे ईश्वर तू क्यूँ नहीं यहाँ लौटता।
एक अस्मत लूटी नारी की चप्पलें,
दरबारों में जाते -जाते घिस जाती।
न्याय मिलता जब तक उसको ,तेरे पास चली आती।
एक उम्र गुजर जाती है यहाँ फाइलें खुलवाने में।
दूजा जन्म लेना पडता है यहाँ न्याय पाने में।
एक भूखा बच्चा यहाँ सडकों पर मर जाता ,
और एक हत्यारा यहाँ जेल में सुकून से खाता ।






💕💕 Zla India आपके दिल की आवाज।जुड़े रहिये कहानियों और कविताओं के साथ, जिनके नायक होंगे आप ।!कुछ एहसास जो छू ले दिल को ......💕💕




एक मुलाकात और तुम

Best romantic feelings



एक मुलाकात और तुम



कहीं दूर से एक सॅान्ग की कुछ लाइनें,मेरे कानों
में सुनायी दी-
"एक मुलाकात हो,तू मेरे साथ हो।
जीने की वजह तुम बनो,तुम बनो..........


ख्यालों की एक परत खुलती चली गयी।
जैसे ये बस मेरी और तुम्हारी ही वो मुलाकात है
जिसके लिए मैंने अक्सर दुआएँ की थी।


"एक मुलाकात हो,तू मेरे साथ हो।
और बस जिन्दगी उस पल में सिमट जाये।
ना कोई ख्वाहिश रहे कुछ पाने की।
ना इस जिन्दगी में तुमसे दूर जाने का गम।
ये आँखें तुमको देखें और फिर हमेशा के लिये बन्द हो जाये,
ताकि तुमको देखकर फिर कभी कुछ ना देख पाये।"


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"एक मुलाकात हो,और तुम मेरे साथ हो,
मेरे हाथों का बना वो खाना,जिसको मैंने सिर्फ तुम्हारे लिए बनाया हो।
उस पल के बाद मैं कभी किसी को अपने हाथों का बना खाना खिलाने की ख्वाहिश ना करूँ।"

एक रोज जब हम मिले



तुम्हारी अंगुलियों में अपनी अंगुलियों को फँसाकर
तुम्हारा हाथ थाम लूँ,ताकि फिर कभी किसी का हाथ थामने की ख्वाहिश बाकी ना रह जाये।

उस रोज मैं घण्टों तक तुम्हारी आँखों में देखती रहूँ
कि इनमें कितनी सच्चाई है।
ताकि फिर कभी किन्हीं आँखों में सच्चाई ढूंढने की तमन्ना ना हो।"

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"एक मुलाकात हो,तू मेरे साथ हो।
और पूरी हो जाये वो तुम्हें ब्लैक शर्ट में देखने की ख्वाहिशें।
ताकि फिर कभी किसी चेहरे में तुम्हें ना तलाशूँ
कि तुम ब्लैक शर्ट में कितने खूबसूरत लगते हो।
तुम्हारे चेहरे की वो मासूमियत जो अक्सर मुझको सोचने
पर मजबूर कर देती है।
मैं उस मासूमियत में ही कहीं अपनी जिंदगी को हमेशा के लिए खो दूँ।"




"ये मुलाकात हो और मैं तुम्हारे साथ हूँ।
तुम भी कह दो बस एक बार,
जीने की वजह सिर्फ तुम हो।"


"और मैं बस चुपचाप सुनती रहूँ।
मैं बस चुपचाप सुनती रहूँ।"


और जिन्दगी बस यहीं इस पल में सिमट जाये।






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मैं भी तो तुम हूँ

Best Devotional Feelings



मैं भी तो तुम

मैं और इश्वर दोनों एक है


"मेरे आँसुओं में जो बहकर निकल जाता है,
मेरे खुदा वो तुम ही तो ।
वो बस तुम ही तो हो।
जब तुम पिघलते हो मुझमें कहीं,
तब मेरी ईगो,मेरी बुराईयाँ अक्सर इन आँसुओं में बह जाती है।"




"जब यूँ लगता है कि मैं तुमसे कहीं दूर जा रही हूँ।
तब तुम एक तकलीफ देते हो और मैं फिर से तुम्हारे पास लौट आती हूँ।
ना डर है तुम्हें खोने का,ना तकलीफ होती है तुमसे दूर जाने की।
एक तुम ही तो जो मुझे सबसे करीब से जानते हो।
एक तुम ही तो हो,जो हर बार सम्भाल लेते हो।
एक तुम ही तो हो,जिसके सामने कभी खुद को सच्चा पेश करने की जरूरत नहीं होती।
ये दुनिया झूठी है मेरे खुदा,एक तुम ही तो हो,
जो माँ की तरह आँचल में छिपा लेते हो।
जो एक जीवनसाथी की तरह मेरा हाथ आगे बढ जाते हो।"




"ये सांसें भी तुम्हारी,ये जीवन भी तुम्हारा।
तुम तो तुम हो ही,जैसे मैं भी तो तुम हूँ।
जैसे मैं भी तो तुम हूँ।
ये आँसू भी तुम्हारे ये मुस्कान भी तुम्हारी।
मुझको आज फिर से तुम्हारी जरुरत है,
मुझको आज फिर से तुम्हारे लिए कुछ आँसू गिराने है।
ताकि आज फिर से मेरी कुछ बुराइयाँ इन आँसुओं में बह जाये।
ताकि मैं फिर से तुम्हारी तरह पवित्र बन जाऊँ।
ताकि फिर कभी मुझे खुद से नफरत ना हो।
ताकि मेरे खुदा मुझमें बस बाकी तू रह जाये।
तुझसे जुदा जो कुछ भी हो,वो बस आँसुओं में बह जाये।


क्योंकि तुम तो तुम हो ही,मैं भी तो तुम हूँ।
मैं भी तो तुम हूँ,मैं भी तो तुम हूँ।




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जिन्दगी बहुत कुछ सीखा तुझसे

Best Poems


जिन्दगी बहुत कुछ सीखा तुझसे

jindgi ke tjurbe


"कभी तू राहें रोकने के लिए आगे खड़ी रही।
तो कभी हाथ थामकर साथ चल दी।
कभी मुझको बेगानो का बना दिया,
तो कभी अपनों का सांया भी छीन लिया।
जिन्दगी तू मेरी पहली टीचर बनकर हमेशा साथ रही।
वर्षों से जो समझ ना आया,तूने एक पल में सीखा दिया।"




"कभी दोस्त बनकर आँसू पोंछ चली,
तो कभी खुद तोहफे में आँसू दे गयी।
जिन्दगी तू कभी अपनी बनी नहीं और
बेगानी मैं तूझे कह ना पायी।
कभी हौसलों को बिखेर दिया खुद ही,
तो कभी अकेले चलने की हिम्मत दे दी।"




"कभी मुस्कुराकर हाथ थाम चल दिये हजारों साथ,
तो कभी आँसुओं में भी अकेला छोड़ गयी।
कभी दो पल का अपनापन देकर,आँसू देकर आगे बढ गयी।
कभी मैं इंतजार करती रही मुस्कुराने का
और तू खामोशी से उस मुस्कान को ले गयी।"




"सब हाथ छूटते रहे राहों में,
एक तू ही थी जो रूलाकर भी साथ रही।
हर अपने बिछडते चले गये गुजरते वक्त के साथ,
एक तू ही थी जो बिछडकर भी वापस लौट आयी।
जिन्दगी तू मेरी पहली मोहब्बत और पहली दफा ठोकर खाकर गिराने वाली थी।
जब कोई नहीं था साथ,तब इन ठोकरों से भी बस तू ही उठाने वाली थी।"




"जिन्दगी तू मेरी आँखों में पलने वाला पहला ख्वाब
और मेरी आँखों में आने वाला पहला आँसू थी।
जब अल्फाज नहीं थे मेरे पास,तब तू ही खामोशी समझने वाली थी।
जब जब नफरत हुयी मुझे तूझसे,
तब तब तू ही सबसे ज्यादा प्यार जताने वाली थी।"




"मेरी हँसीं को देखकर जिन्दगी तू सबसे ज्यादा मुस्कुराने वाली थी।
मेरे गमों में अक्सर तू ही आँसू गिराने वाली थी।"


"किसको अपना कह दूँ ऐ जिन्दगी,
तू तो हर किसी से जुदा करने वाली थी।"


"तू तो हर किसी से जुदा करने वाली थी।
तू तो हर किसी से जुदा करने वाली थी।"


काश छोड़ देती कभी तू किसी अपने को साथ...


काश जिन्दगी तू भी मुझसे प्यार करती .....


काश जिन्दगी तू भी मुझसे प्यार करती .....


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एक पल की मौजूदगी

Best Love Feelings

एक पल की मौजूदगी



"एक पल की मौजूदगी तुम्हारी।
यूँ लगता है कि जिन्दगी इस पल में सिमट चुकी है।
जब छूकर गुजरने वाली हवा भी चुपके से कुछ कहने लगे।
जब ये आँखें तुम्हें देखकर हमेशा के लिए बन्द होना चाहती है,
उस पल में तुम सिर्फ तुम मौजूद होती हो।"




"एक वो पल जब यूँ लगता है कि तुम बिन बोले ही सबकुछ ससमझने लगी हो।
जब आँखों में तुम्हें देखने का इंतजार रहने लगा,
जब यूँ लगा कि तुमसे मिलने के बाद मैं भी बदलने लगा हूँ,उस पल में सिर्फ तुम मौजूद होती हो।"

tumhare sath yun bhi



"तुमसे मिलने से पहले कब जाना था,
कि दो शख्स यूँ ही राह चलते चलते मिल जाया करते है।
जब होठों पर खामोश सी मुस्कान हो,
जब दिल कुछ कहना चाहे और मैं चुप हो जाऊँ।
उस पल में सिर्फ तुम्हारी मौजूदगी होती है।"




"जब इस दिल के गम तुम्हारे होने से पिघलने लगे।
जब तुम्हारे सामने चंद आँसू गिराने का दिल चाहें।
जब मेरी आँखें तुम्हारी राहें तलाशने लगे।
उस पल में सिर्फ तुम मौजूद होती हो।"




"मेरे हाथ फिर से दुआओं में उठने लगे है।
मेरा दिल किसी के चेहरे पर मुस्कान देखना चाहने लगा है।
मेरी आँखों में किसी के होने की खुशी चमकने लगी है।
जब से जिन्दगी में तुम्हारी एक पल की मौजूदगी होने लगी।"




"काश ये जिन्दगी तुम्हारी एक पल की मौजूदगी में ठहरने लगे।
जहाँ मैं और तुम इस पल की मौजूदगी में इस जिस्म से कहीं कोसों दूर निकल जाये,
जहाँ कभी तुम्हें खोने का डर ना हो।"


ek pl me tumhare sath


"जहाँ कभी तुम्हें खोने का डर ना हो।
जहाँ कभी तुम्हें खोने का डर ना हो।"




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कल रात आँखों में नींद नहीं थी

Best heart touching feelings



कल रात आँखों में नींद नहीं थी

आँखे नींदों के बिना


"कल रात आँखें नींदो से खाली थी।
ये रात आँखों में गुजारी है।
कुछ था तो वो सन्नाटे,खामोशी और बैचेनी।
कल रात बस करवटों में गुजारी है।"




"कुछ ख्याल इस दिल को जागने पर मजबूर कर रहे थे।
खामोशी ही जैसे चीख चीखकर मुझसे कुछ कह रही थी।
अपने कौन होते है,वो जो हाथ थामकर साथ चलते है
या फिर वो जिनके हाथ सांया बनकर साथ चलते है।"




"जो अजनबी होकर भी कभी बिखरने नहीं देते।
कौन होते है वो,जो साथ होकर भी कभी साथ नहीं होते।
एक भीड़ जो अक्सर साथ चलती है
क्या वही है बस अपनों की दुनिया
या फिर वो जो ठोकर लगने से पहले ही हाथ सम्भालने के लिए आगे बढ़ा लेते है।
अपने कौन होते है??"




"कल रात आँखों में कुछ बैचेनी सी थी।
नींदो से जैसे ये खफा हो,जैसे जिन्दगी भी कुछ
रूठी-रूठी सी हो।
जैसे राहें बहुत मुश्किल हो,
कल रात बस यूँ करवटों में गुजारी।"








"किसी का अपनापन आँसू बनकर छलक आया था,
जैसे कोई राह दिखाता हो,जैसे कोई बेवजह ही अपना
बन चला आया हो।
जैसे खुदा ने एक बार फिर मेरी तरफ हाथ बढाया हो।
कल रात आँखों में जैसे फिर से उस खुदा के लिए प्यार भर आया हो।
सन्नाटों के बीच ही एक आवाज मुझे बुलाती हो।
कल रात बस यूँ करवटों में गुजारी हो।"




"कल रात यूँ आँखों आँखों में गुजारी हो।
कल रात बस आँसुओं में गुजारी हो।
कल रात बस आँसुओं में गुजारी हो।"




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हैप्पी होली

holi memories

Best Heart Touching feelings



🎆🎆 हैप्पी होली 🎆🎆



"हर तरफ रंग बरस रहे है इस होली पर,
बस एक तुम्हारा ही वो रंग है जो कहीं दिखायी नहीं देता।"




"अब गुजिया की मिठास भी इस जिन्दगी में मिठास नहीं भर पाती,
जब से तुमने वापस ना लौटने की कसम खायी है।"




"लोग कहते है कि इस होली पर हर रूठे को मना ले,
पर तुमने तो आज तक रूठने की वजह ही ना बतायी तो कैसे मनाऊँ मैं तुम्हें।"


"गुलाल की हरियाली के बीच मैंने तुमको खुद पर बिखरते हुए देखा,
काश तुम भी देख पाते उस रंग को।"


"कौन कहता है कि एक शख्स रंग की तरह नहीं चढता,
मैंने देखा है खुद को किसी के रंग में रंगते।"


"हर रंग उतर जाता है कुछ देर के बाद,
ये तुम्हारा कौन सा रंग है जिसको आँसुओं का पानी भी नहीं मिटा सकता,जिसको दूरियों की तपिश भी नहीं उडा सकती।"

holi ke pl



"ये मेरी और तुम्हारी पहली होली है,
काश कह देते तुम भी एक बार हैप्पी होली।
यूँ चुप रहने से अक्सर रिश्ते टूट जाया करते है।"




"अपनी हथेली पर मैंने आज फिर से रंग से तुम्हारा नाम लिख लिया है,
काश आज फिर से तुम ऐसे ही डाँट देते,जैसे तब डाँटा था,जब पहली दफा मैंने तुम्हारा नाम लिखा था।"




"एक ख्वाहिश अधूरी ही रह जायेगी इस होली पर,
तुम्हारे चेहरे पर एक अंजुली भर पानी फेंककर चुपके से भाग जाना।"


🎆🎆 हैप्पी होली 🎆🎆


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मेरा पहला प्यार (माँ)

Best Poems



मेरा पहला प्यार



"जब तुम दूर हो,तो तुम्हारी बहुत याद आती है माँ
तब मुझे एहसास होता है मैं आज भी वही पाँच साल
की छोटी बच्ची हूँ,जो तुम्हारे बिना नहीं रह पाती थी।
तुमसे दूर होकर आज भी आँखों में आँसू आ जाते है।
तुम्हारे बिना कोई खुशी,खुशी भी तो नहीं।
तुम आज भी मेरी जिन्दगी का पहला प्यार हो।"

maa ki yade



"जब मुश्किलें राहे रोकने लगती है,
तब तुम मेरे हौसलों को कभी बिखरने नहीं देती।
जब मेरी आँखों में आँसू हो,तो तुम मुझे सीने से लगा लेती हो।
कभी कभी यूँ लगता है कि मैं अब बहुत बड़ी हो गयी हूँ।
पर तुम दूर हो तो खबर होती है
मैं बहुत छोटी हूँ,तुम्हारे बिना आज भी रो देती हूँ।"




"तुमसे प्यार करके आज भी यूँ लगता है कि
मुझे कोई दूसरा प्यार नहीं चाहिए,
क्योंकि तुम मेरी जिन्दगी का पहला और आखिरी प्यार हो।"




"जब तुम दूर हो तो तुम्हारा डाँटना सबसे ज्यादा याद आता है,
मेरे होठों पर खामोशी और आँखों में कुछ उदासी आ जाती है जब यूँ लगता है कि तुम आज मेरे साथ नहीं हो।
क्योंकि तुम मेरी जिन्दगी का पहला प्यार हो।"




"जब मैं इस दुनिया से अनजान थी,
तब भी मैं इस दुनिया में किसी को जानती थी
वो तुम थी माँ,वो तुम थी माँ।"


"क्योंकि तुम मेरी जिन्दगी का पहला प्यार हो,
जिसको मैं कभी खोना नहीं चाहती।
क्योंकि तुम मुझे बिना दुआओं के खुदा की मेहरबानी से मिली थी।
क्योंकि तुम मेरी जिन्दगी का आखिरी प्यार हो माँ,
क्योंकि तुम मेरी जिन्दगी का आखिरी प्यार हो माँ
और हमेशा रहोगी"








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