Best Humanity Poetry
पिछले वर्ष यूँ ही राह चलते चलते कुछ लाइनें लिख दी थी,उन्हीं को आगे बढ़ाते हुए,कुछ नये ख्याल -
"शायर निदा फाजली ने कहा था -
मस्जिद से घर बहुत दूर है यारों,
क्यूँ ना किसी रोते बच्चे को हँसाया जाए।"
"कभी यूँ ही राह चलते चलते,
तुम किसी के चेहरे की मुस्कान बन जाते हो।
वो हाथ जो तुमने आगे बढाया था मुश्किलों में थामने के लिए,
वो आज भी कभी याद आ जाता है यूँ। ही राह चलते चलते।"
"कभी किसी राह पर जब मेरे कदम कहीं ठिठक से जाते है।
तो यूँ लगता है,कहीं किसी राह पर वो शख्स काश आज भी साथ होता जो यूँ ही राह चलते चलते मिल गया था।
यूँ ही खुदा की मेहरबानी हो जाती मुझपे और
बेवजह ही सही जिन्दगी बस कुछ राहें मेरे हिस्से में लिख देती उसके साथ चलने की।"
"यूँ ही राह चलते चलते जो मुस्कुराना सीखा गया था।
उसकी मुस्कान के लिए मैं भी कभी दुआएँ कर पाती खुदा से।
काश कह पाती मैं ये कभी -
"तुम्हारे होठो पर मुस्कान हो,तुम्हारी जिन्दगी में सारे रंग हो,तो मेरे दिल की आधी दुआएं कुबूल हो जायेगी।"
"यूँ ही जो वो अजनबी सा मिल गया था।
काश!कह पाती कभी,इस जिन्दगी में तुम दुआओं जैसे हो।
खुदा को कहाँ देख पायी हूँ कभी,पर मेरे लिए तुम खुदा के जैसे हो।
वो खुदा अक्सर यूँ ही राह चलते चलते ठोकरें लगाकर गिरा देता है कभी और फिर खुद ही चला आता है उठाने के लिए भी।"
"यूँ ही राह चलते चलते जिन राहों पर तुमने उम्मीदों के फूल बिखेरे थे।
जिन राहों से सब कांटे चुन लिये थे।
जिन राहों पर मुझे जिन्दगी के मायने सीखाये थे।
वो राहें आज भी तुम्हारी राहें देखती है,वो राहें आज भी सूनी सी है तुम्हारे बिना।
"यूँ ही राह चलते चलते तुमने कहा था -
मैंने जिन्दगी जीना सीखा है खुद से।
और कभी किसी अजनबी की तरफ अपनेपन का हाथ बढ़ा,दूजो को सीखा देता हूँ।"
"यूँ ही राह चलते चलते,बस यूँ
ही राह चलते चलते,दूजो की जिन्दगी में दीप सा जल जाता हूँ।"
💕💕 Zla India -आपके दिल की आवाज,जुड़े रहिये कहानियों और कविताओं के साथ,जिनके नायक होंगे आप।कुछ एहसास जो छू ले दिल को .........💕 💕
EmoticonEmoticon