वो बीस मिनट

वो बीस मिनट

#Best Romantic Feelings#


वो जो कहता था, वो करता भी था। मै जो नहीं कहती थी, हमेशा वो ही करती थी।

उसको पागलपन पसंद नहीं थे, पर मुझे पागलपन करना पसंद था, अच्छा लगता था उसका मुझे पागल बुलाना।

वो बातें कहता नहीं था, और मैं चुप नहीं रह सकती थी, उसको चुपचाप से मुस्कुराना पसंद था और मुझे उसके चेहरे पर मुस्कान लाना।

उसके लिए मैं बेवकूफ हुआ करती थी, पर मेरे लिए वो दुनिया का सबसे होशियार इन्सान।

खुद में बहुत सारे मिथ थे, उसको लगता था दुनिया अपने हिसाब से चलती है, और मुझे लगता था हम दुनिया को बदल सकते है।

उसको पसंद नहीं था अपनी पिक क्लिक करना, पर मेरा सपना था उसकी स्माइल को कैमरे में कैद करके हमेशा के लिए अपने पास रखना।। वो मुस्कुराता हुआ बहुत अच्छा लगता था, मैं चाहती थी उसको हमेशा यूं ही मुस्कुराते हुए देखना।

उसको बन्धन पसंद नहीं थे, वो एक आज़ाद पंछी के जैसे उडना चाहता था, और मैं उसको अपने साथ बंधन में बांधना चाहती थी।

वो दुनिया देखना चाहता था, और मैं सिर्फ उसे।

कितने अलग थे हम दोनों, पर मुझे अच्छा लगता था उसका इस दुनिया में होना।

वो मुझसे दूर रहना चाहता था, और मैं हमेशा के लिए उसके पास।

प्यार नहीं करता था वो मुझसे, उसे ये कहना पसंद था, और मैं सुनना चाहतीं थी कि वो मुझसे प्यार करता है।

अजनबी थे हम दोनों  सालों बाद भी उसको लगता था, अजनबी है। हम दोनों और मुझे लगता था मैं खुद से ज्यादा उसको जानती थी।

जिन्दगी के वो बीस मिनट, जिन्होंने मुझे एहसास कराया था, जिन्दगी में कल्पनाएं भी सच होती है।

वो अनजान शहर, जिसकी गलियों में गजल की लाइनें मेरे जेहन में गूंज रही थी, "हम तेरे शहर में आये है मुसाफ़िर की तरह, एक बार मुलाकात का मौका दे दे...."

उसको पसंद नहीं थी, मेरी फिल्मी बातें, वो हकीकत के धरातल पर जीता था और मुझे हवाओं में भी उसकी खुशबू महसूस होती थी।

उसको पसंद नहीं था मेरा बार बार परेशान होना, पर मुझे अच्छा लगता था परेशान होते रहना।

उसको यकीन नहीं होता था दुनिया में ऐसे भी लोग है, मेरी मौजूदगी ने उसको एहसास कराया था, मैं अपने तरह की एक ही थी।

वो चाहता था मैं मैच्योर हो जाऊं, और मैं उसके सामने बच्चा बनना चाहती थी। एक वो ही था, जिसने मेरे बचपन को जीवंत रखा था।

वो गलती से मिला था मुझे, और मेरे जीवन की वो सबसे खूबसूरत गलती थी। उसको पसंद था गलती से मिस्टेक सांग और मुझे पसंद था, गलती से मिस्टेक में उससे प्यार करना।

वो मुझे कभी डांटता नहीं था, क्योंकि उसको डांटना नहीं आता था, एकदम मासूम सा था, पर मैं उसके साथ शैतानी करती थी।

उसको शब्दों को उलझाना पसंद था और मुझे उलझकर उसके पास ही रह जाना।

उसके सपने ऊंचे थे, वो जिन्दगी जीना चाहता था, जिसके लिए जिन्दगी ये जवानी है दीवानी जैसी थी, और मैं सिर्फ उसे जीना चाहती थी। मेरे लिए जिन्दगी एक लव स्टोरी थी।

उसको बदतमीज दिल सांग पसंद था और मुझे"क्यों ना बोले मोसे मोहन, है क्यूं रूठे रूठे मोहन। "

वो आलसी था, उसको मस्त रहना अच्छा लगता था और मुझे स्वस्थ।

वो परवाह नहीं करता था अपनी और मैं हर पल उसकी परवाह करने को उसके साथ रहना चाहती थी।

वो खुद को तेज बोलता था, पर मुझे उसके जैसी मासूमियत किसी में नहीं दिखती थी।

वो मुझे दिखाना चाहता था, परवाह नहीं करता था मेरी, पर फिर भी परवाह करता था, वो खुद को बुरा कहता था, पर मुझे उससे अचछा कोई नहीं लगता था।

मीलों की दूरी उसको मुझसे जुदा किये थी, मेरे लिए उसका इस दुनिया में होना ही काफी था। 

उसको परवाह नहीं थी मेरी, घंटों का सफर मैंने मिनटों में गुजारा था।

दिल चाहता था वो परवाह करें बस जरा सी। उसको बिल्कुल पसंद नहीं था मेरा पागलपन करना, पर मुझे यकीन होता था हर बार, वो मेरे हर पागलपन को सम्भाल लेगा।

वो सम्भाल लेता था मेरे फैलाये रायते को, शायद इसलिए मुझे वो सबसे ज्यादा पसंद था।

उसको प्यार नहीं था मुझसे, बस मेरे लिए मुझसे मिलने आया था।

शायद पिछले जन्म में उसे मुझसे प्यार था, इसलिए मेरी जिन्दगी में चला आया था।

वो अपना नहीं था मेरा, पर मेरे दिल ने उसे अपने सबसे करीब पाया था।

वो खुश रहना चाहता था और मैं भी उसको खुश ही देखना चाहतीं थी, हम दोनों में एक समानता थी।

वो मेरी सलामती की दुआएं करता था और मैं उसकी सलामती की दुआएं करती थी।

वो मुझको प्यार नहीं करता था, पर उसकी जिंदगी में मेरी मौजूदगी के कुछ क्षनं हमेशा रहेंगे, क्योंकि मैं उसको बहुत प्यार करती थी।

वो मेरा दिल दुखाना नहीं चाहता था, और मैं हमेशा उसका इंतज़ार करती रही, क्योंकि मुझे यकीन था, वो मुझसे प्यार करें या ना करें पर मेरा दिल नहीं दुखायेगा।

शायद यही प्यार था बस, जिसको वो मुझसे करता नहीं था और मैं बहुत करती थी।


#ZLa India, voice of your hearts. Some untold feeling.#"

आपके दिल की आवाज मेरी कलम से..




















तुम्हारी शून्यता

 तुम्हारी शून्यता।


जीवन किसी बहती धारा के जैसे है, जो अविरल धारा में बहता रहता है। कुछ अवरोध उसको भले रोकना चाहें, पर रोक नहीं पाते। ये धारा किसी भी ओर बहे, अपना मार्ग बना ही लेती है। तुम उस ओर बहते रहे और मैं तुम्हें तलाशते हुए तुम्हारी तरफ बहती रही।

जब दो विपरीत धाराएं एकसाथ मिलती है, तो चक्रवात का निर्माण होता है। और जब दो समान धाराएं एकसाथ मिलती है, तो एक धारा का निर्माण होता है। जब जीवन उस ओर बहना चाहता है, जिस ओर कभी नहीं बहा, तो मुझे तुम दिखाई देते हो। तुम्हारा शून्य होना ही एक धारा में बह जाना है। जब विचलित कर देने वाली धाराएं जीवन को अवरूद्ध नहीं करती, जब चक्रवात मेरे आत्मबल को नहीं तोडते। तब जीवन सरल हो जाता है, और मैं तुम्हारी शून्यता में तुम्हारे साथ बह चलती हूं।

बड़ा कौन इन्सान या इन्सानियत (इसे भी पढ़ें, क्लिक करें)

जब पेड़ों पर नई कोंपले जन्म लेती है, जब बसन्त ऋतु का आगमन होता है, तब तुम एक नई उमंग बनकर मुझे आनंदित करते हो। तुम्हारी शून्यता को प्रकृति के हर रूप में महसूस करके तुम्हें अपने श्वास के जरिए खुद में समाहित कर लेती हूं। मेरी बन्द आंखों के अंधकार में, मेरे मस्तक के बीच एक प्रकाश की तरह तुम एक दिव्य ज्योति बन जाते हो। जब  संगीत की किसी धुन में तुम बांसुरी का राग बनकर घुल जाते हो, तै महसूस करती हूं तुम शून्य होकर भी सबकुछ हो। जैसे एक शून्य किसी भी नंबर की महत्ता को हजारों लाखों गुना बढ़ा सकती है, वैसे ही तुम मेरी आत्मा की महत्ता को बढ़ा देते हो।

जैसे नंबर के बिना शून्य बस शून्य है, वैसे ही मेरे बिना तुम और तुम्हारे बिना मैं बस एक नंबर बनकर रह जाती हूं। जैसे एक दर्पण में एक व्यक्ति के कई प्रतिबिंब हो सकते है, वैसे ही मैं तुम्हारा प्रतिबिंब हूं।


जब तुम्हारी खामोशी मेरे अल्फाजों को अपने आगोश में ले लेती है,तो तुम्हारी शून्यता को महसूस करती हूं। जैसे एक शून्य आकार में गोल होती है, तुमसे मिलकर मैं भी खुद को विकारों के कोणों से दूर गोल ही पाती। जैसे मेरे जीवन की धारा उस गोल एरिया में घूम कर आत्म केन्द्रित हो जाती है। और अपने मन की गहराई में मैं तुम्हारी शून्यता को महसूस करती हूं। बंद आंखों से मेरा तीसरा नेत्र खुल जाता है। मेरा होना तुम्हारा होना है, तुम्हारा शून्य होना मेरी चेतना को जगाना है।

बैंगलोर शहर (मेरी नज़र से) कुछ यादें


जब जीवन के कुछ कठिन क्षणों में, मेरे और तुम्हारे जीवन की धाराएं टकराना चाहतीं हैं, जब तुम्हारी जिद और कठोरता के आगे मेरी सरलता छोटी पड़ जाती है, तब मैं तुम्हारी शून्यता को महसूस करती हूं। मैं तुम्हारी धारा में बहकर चुपचाप अविरल तुम्हारे साथ बह जाती हूं, क्योंकि तुम और मैं हमेशा से एक थे और आगे भी एक ही होंगे।

तुम्हारा शून्य होना, मुझे हमेशा ये एहसास कराता है कि, सबकुछ पाने की चाह हमें अशांत और बैचैन बनातीं है। शून्य होकर कभी खुद को तलाशना ही जीवन है। भौतिक सुखों के साथ बिना आत्मिक शांति के जीवन मूल्यहीन है। इसलिए तुम्हारा शून्य हो जाना मेरा भी शून्य हो जाना है, क्योंकि तुम तो तुम हो ही, मैं भी तो तुम हूं।

मैं भी तो तुम हूं, मैं भी तो तुम हूं।

तुम न हो तो फिर मैं कहां ?


❤️Zla India आपके दिल की आवाज, मेरे अल्फ़ाज़ और आपके एहसास ❤️

मेरी थ्योरी

मेरी थ्योरी

 

Best heart touching lines 


तुम्हारे पास दो ऑप्शन अवेलेबल थे 

और मेरे पास कुछ भी नहीं।

तुम्हारे लिये ज़िन्दगी बहुविकल्पीय प्रश्नो की तरह थी,

तुम हीट एंड ट्रायल मेथड अपनाते थे,

और सफल हो जाते थे।

मेरी ज़िंदगी एक थ्योरी के जैसी थी।

जिसमें कोई ऑप्शन ही उपलब्ध नहीं था।

जो भी लिखना था खुद से ही।

शायद मैं भी एक ऑप्शन थी तुम्हारे लिए।

और तुम मेरे लिये मेरी थ्योरी।

तुमने हिट एंड ट्रायल अपनाया था,

और मैं उसको थ्योरी समझकर आगे बढ़ी थी।

खःता तुम्हारी थी या मेरी मुझे नहीं खबर,

पर दरमियाँ कुछ टूटा था कहीं,

शायद मेरे अंदर की वो थ्योरी,

जो अक्सर मुझे सोचने पर मजबूर कर देती है,

कि हिट एंड ट्रायल वाले अक्सर बहुत आगे निकल जाते है।

और हम अपनी थ्योरी को बस खन्गालते रह जाते है।

ये थ्योरी बस तकलीफ देती है, और कुछ भी नहीं।

काश कभी मैं भी हिट एंड ट्रायल की तरह सोचकर आगे बढ़ गयी होती।

पर शायद थ्योरीओ का टूटना उतना आसान नहीं।

अगर होता तो मैं वो थ्योरी कब की मिटा चुकी होती, जिसमे बस तुम थे, जिसमें तुम हो, जिसमें तुम रहोगे।


❤️Zla India आपके दिल की आवाज़, कहानियां और कविताएं जिनके नायक होंगे तुम।,❤️


तुम हक़ीकत हो

तुम हक़ीकत हो

 मेरी आँखे अक़्सर ख़्वाब देखा करती थी।

ख्वाबों में खुद को कहीं खोते हुये देखना।

कभी किसी बेवजह की बातों पर आँसू भी गिरा देना।

जो कभी हकीकत हो ही नही सकते थे।

जो सिर्फ आँसुओ की वजहें थे,

जिन्होंने बस रोना सिखाया था।


मुस्कुराहटें तो तुम्हारे करीब होके पहली बार देखी थी,

कयोंकि तुम हकीकत हो, 

जीना तुमसे सीखा है, मुस्कुराहटों की वजह तुम हो।

पलको पर जमे अश्कों के निशान तुमने हटाये थे।

जीने की वजहें तुमने दी थी।

बेवजह किसी के लिए मुस्कुरा कर चुप रह जाना तुमने सिखाया था।

कयोंकि तुम हकीकत हो, 



जानें किस लम्हे में खता हुयीं कि 

अश्कों के निशान पलकों पर वापस लौटने लगे है,

खामोशियों के बीच कुछ बिखर रहा है हम दोनो के दरमियाँ।

कल्पनाओं के भ्रम में हकीकत के विश्वास 

या दुरियों की तपिश में नज़दीकियों के एहसास।

तुम्हें सबसे ज़्यादा समझने के वादे,

तुम्हारे चेहरे की मुस्कान की खुशी,

या वो अपनापन जो गैर होके भी तुम्हे अपना बनाता था।



तुम हकीकत थे, पर शायद ख्वाबों की दुनियां में जाना चाहते हो।

और ये ख़्वाबों की दुनियां मेरी होके भी मेरी नही होती,

इसमे होते है कुछ आँसू, अकेलापन और बस उसके होने का एहसास।

उसको याद करके अश्क़ों के समंदर में खामोशी का साथ।

ना अल्फ़ाज़ होते है ना अपनापन, 

बस कुछ होता है तो ज़िंदा रहने की कुछ वजह,

जो अपनी होके भी अपनी नही होती।

जो कभी हकीकत नही हो सकती ।

जिनकी यादे बस दिल को तकलीफ देती है।


शायद जिंदगी के बिखरे एहसास कल के कुछ किस्से,

आज को कालिख़ से मिटाने लगें है।

तुमको अच्छा लगने लगा है अब अजनबी बनना।

किसी गैर की तरह मुस्कुराहटो के पीछे छिपे आँशुओ को अनदेखा करना।

कयोंकि तुम अब हकीकत बनना ही नही चाहते,

क्योंकि तुमने खुद को ख्वाबों की दुनिया से तोल लिया है।

तुम ख्वाब थे ही नहीं कभी।

तुम बस हकीकत थे, तुम बस हकीक़त थे, तुम बस हकीकत हो।

तुम बस हकीकत हो।

और तुम बस हकीकत ही रहोगे,

चाहे मेरी पलकें तुम्हे याद करके अश्क भी गिराती रहे।



फिर मुलाकात (ईश्वर)

फिर मुलाकात (ईश्वर)

Best Spiritual feelings

तुम्हारी जगहआजभी खाली ही है,

जैसे वर्षो गुजर गए है, तुमसे रूबरू हुए।

वक्त की रफ्तार में खुद को और तुमको कहीं पीछे छोड़

आगे निकल चुकीं हूं।

पर मेरी अन्तर्आत्मा तुम्हें ढूंढ़ती है,

जाने किस गली में आगे बढ़ी कि

खुद के वजूद का ख्याल भी ना हुआ।

दो वक्त की रोटी कमाने की चाहत मुझे मेरे ईश्वर से जुदा कर गयी।

आज कदम फिर वापस तुम्हारी तरफ लौट चुके हैं।

मेरे सब अहमं टूटकर कहीं बिखर से गये है।

आज फिर कोई बाकी है तो वो हो बस तुम।

ना मैं कभी थी और ना आगे ही ठहर पाऊंगी।

बाकी कुछ रहेगा तो बस तुम।

मेरे ईश्वर मेरे कदम जब तुमसे जुदा हो चले, तो तुम्हें सौगंध है मेरी कि 

तुम वापस बुलाओगे मुझे अपने करीब।

क्योंकि तुमसे जुदा मेरा कोई वजूद नहीं है।

तुमसे जुदा मैं कुछ नहीं हूं।

तुमसे जुदा मैं कुछ नहीं हूं।

तुमसे जुदा होकर भ्रम की ऊंचाइयां नहीं चाहिए मुझे।



❤️Zla India आपके दिल की आवाज। कहानियां और कविताएं जिनके नायक होंगे आप। कुछ एहसास जो छू ले दिल को।❤️


अधूरी मुस्कान

अधूरी मुस्कान

 


Best Love feelings ❣️


उम्मीदें अधूरी है, अधूरी है ये मुस्कान।

पूरा कुछ था, तो वो था तुम्हारा होना।

जब तुम ही नहीं हो, क्या पूरा होगा अब।

ना शिकवा है ज़िन्दगी से, ना तुमसे गिला।

वक्त ने जो कुछ भी दिया, उसे समेटती ही रह गयी।

ना हाथ कुछ आया, ना कुछ बदल पायी।

वक्त के हाथों मजबूर हुए कुछ इस कदर,

कि खुद को टुकड़ों में बिखरते देखा।

और कुछ टुकड़े आज भी तुम्हारे पास पड़े है किसी कोने में।


❣️❣️Zla India आपके दिल की आवाज, कहानियां और कविताएं जिनके नायक होंगे आप। ❣️❣️



ख़ामोश लम्हे

ख़ामोश लम्हे
Best 💓 heart touching poem.


ख़ामोश लम्हे कभी तुम्हे याद कर लेते है।
रातों की खामोशी जब चुपके से गुजरती है,
आँखे जब नींद से ओझल होने लगती है।
जिन्दगी से बिछड़े कुछ पल याद बनकर कभी याद आ जाते‌ है।


ख़ामोश लम्हों की दास्तान बस इतनी सी है,
कि ये हमेशा ख़ामोश ही रह जाते है।
हथेली पर इकट्ठा पानी की बूंद की तरह रात का आँचल इन 
लम्हों को सोख लेता है।


जिन्दगी से सबकुछ खोकर भी कभी पाने की उम्मीद में जीना।
शायद यही जिंदगी है।
हर एक ख़ामोश लम्हा जो किसी उम्मीद में गुजरता है।
शायद यही सिखाता है,
जिन्दगी किसी लम्हे के इंतजार में नहीं ठहरती।

ये शाम फिर से लौट गयी है

ये शाम फिर से लौट गयी है
Best sentimental Feelings


ये शाम फिर से लौट गयी है।


कभी कभी हम किसी का बहुत इंतजार करते है, कि वो शख्स आयेगा तो ये करेंगे, वो करेंगे। पर कई बार वैसा कुछ नहीं होता, जैसा हम सोचते है। उन्हीं पंक्तियों को बयान करती ये चंद लाइनें।




"ये शाम तो आज फिर से वैसे ही लौट गयी,जैसे रोज लौट जाया करती थी।
तुम आये तो थे,पर उस तरह नहीं जिस तरह से दिल ने तुम्हें पुकारा था।
ये अपनापन नहीं तुम्हारा जाम छलक रहा था,
ये तुम होकर भी तुम नहीं थे।
ये शाम आज फिर से तुम्हारे बिना खाली थी।
ये शाम आज फिर से तुम्हारे बिना ढल चुकी थी।"




"तेरा ना आना उतनी तकलीफ ना देता शायद,
तेरा आना तो आँखें छलकाकर चला गया।
ये शाम तेरे ना होने से सूनी होती तो कोई गम ना होता।
ये शाम तेरे होने से सूनी हो रही थी।
पल गुजर रहे थे तेरे ना होने से,
पर पल गुजारने बहुत मुश्किल थे तेरी मौजूदगी में।"




"ये शाम आज फिर से खाली हाथ लौट रही थी।
इंतजार के पल फिर से अगली शाम में ढल चुके थे।
अब इंतजार नहीं करना है किसी शाम का।
ये शाम यूँ ही ढल जायेगी, ये शाम बस यूँ ही ढल जायेगी।"




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कुछ ऐसे तुम मिले हो

कुछ ऐसे तुम मिले हो


Best Sentimental Feelings


"कुछ ऐसे तुम मिले हो,कि दुआएँ नहीं की थी।
फिर भी जिन्दगी में चले आए हो।
जैसे बारिश चली आती है बिन बुलाये ही।
जैसे ये शाम ढल जाती है बिन बताये ही।
जैसे कुछ पौधों पर कली खिल जाती है बिन एहसास हुए ही।
जैसे उम्मीदों का सवेरा फिर से लौट आया हो।जैसे जिन्दगी ने फिर से दस्तक दी हो।"


"कुछ एहसास अधूरे है।
कुछ ख्वाब अधूरे है।
कुछ जैसे कल फिर से चुपके से बिखरा हो।
कुछ फिर से अधूरा सा रह गया हो।
जैसे तुम भी तुम भी नहीं हो।
जैसे मैं भी मैं नहीं हूँ।
जैसे ये दिल तुम्हारा और मैं परायी हूँ।"




"जिन्दगी इतनी आसान कहाँ है?
कुछ ऐसे तुम मिले हों।
कि अपने भी नहीं हो और पराये भी ना रहे हो।
जैसे कोई सूरज फिर से निकल आया हो।
जैसे अधूरे ख्वाब फिर से पूरे होने वाले हो।
जैसे तुम तो तुम थे ही,
मैं भी बस तुम ही हूँ, मैं भी बस तुम ही हूँ।
कुछ ऐसे तुम मिले हों।
जैसे तुम ना हो तो फिर मैं कहाँ हूँ।
जैसे तुम तो तुम हो ही।
मैं भी बस तुम ही हूँ। मै भी बस तुम ही हूँ।
कुछ ऐसे तुम मिले हो।"




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इजाजत ही नहीं दी

इजाजत ही नहीं दी
Best sentimental Feelings


"मेरे कदम कैद से हो चुके है,
मेरी मुस्कानें कहीं खो सी गयी है।
ना तुम थे कहीं, ना तुम होंगे कहीं।
फिर भी जिन्दगी ने इजाजत नहीं दी है,
ये कहने की,कि तुम कहीं नहीं हो।"


"तुम यहीं कहीं हो, ना नजरों में होते हुए भी।
ये आँखें तुम्हें देखती है।
ये दिल तुम्हें महसूस करता है,
ये जिन्दगी तुम्हारे होने से खूबसूरत है।
पर भी इजाजत नहीं है मुझे तुम्हें अपना कहने की।"


"किसी कलम की स्याही से बिखरे हो मेरी जिन्दगी में,
कागज सा मेरा अस्तित्व, कहीं तुम्हारे रंग में रंग चुका है।
जिन्दगी कुछ भी तो नहीं है तुम्हारे बिना, मैं कुछ भी तो नहीं हूँ तुम्हारे बिना।
पर फिर भी इजाजत नहीं है कि तुम्हें देखने की ख्वाहिश दिल में लेकर जिंदा रहूँ।
मजबूरियों ने मेरी हर एक सांस को जकडा है।"


"मेरे हाथों की दुआएँ,सिर्फ तुम्हारी खुशी चाहती है।
तुम्हारे चेहरे की मुस्कान मेरे सौ गमो को खोने वाली है,
पर फिर भी इजाजत नहीं है कि कभी तुम्हारी मुस्कान के लिए खुद को मिटा सकूँ।"




"मेरी हर एक सांस जो सिर्फ तुम्हारे होने से चलती रहती है।
मेरे अकेलेपन के वो लम्हे जो तुमसे जुदा मजबूरी से लगते है।
पर फिर भी इजाजत नहीं है मुझे कि तुमसे कह सकूँ,
ये जिन्दगी एक मजबूरी सी है तुम्हारे बिना।
मुझे इजाजत नहीं है।
मुझे इजाजत नहीं है।
मुझे इजाजत नहीं है।




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तुम्हारे कदमो धूल भी खफा हो गयी है

तुम्हारे कदमो धूल भी खफा हो गयी है

Best Sentimental feelings





जिन्दगी आज भी उन पलो में बिखरी सी है।
जब आखिरी बार तुम्हें मुस्कुराते हुए देखा था।
कुछ टूट रहा है अब तुम्हारे बिना,
शायद मैं या फिर कुछ एहसास।
तुम्हारी खामोशी की बेडियाँ मेरे अल्फाजो को जकडे हुए हैं।
मैं कहाँ आजाद हूँ,
मेरी रूह तुम्हारे पास किसी कोने में धूल से दबी पड़ी है।
मेरी परछाइयाँ मेरा साथ छोडने लगी है।
जैसे मैं, मैं नहीं हूँ।
तुम्हारे कदमों की धूल भी जैसे खफा हो गयी हो।
जैसे जिन्दगी रूठी हो जबसे तुम रूठे हो।
आँख नम हो जाती है अब बेमुददत की बातों पर।
तुम थे तो सब गम दूर हो जाया करते थे बेवजह ही।
अब तो जैसे कोई राह नजर नहीं आती है।
तुम तक पहुंचने वाली हर राह जैसे तुमने बंद कर दी हो।
पर शायद तुम भूल चुके हो, तुम्हारे घर के किसी कोने में धूल में कुछ पड़ा है।
उसको आजाद करना भूल गये हों तुम।

तुम्हारे होने यकीं हो गया

तुम्हारे होने  यकीं हो गया



Best heart touching feelings




"आज यूँ लगता है कि जिन्दगी तुम्हें बयाँ करने में ही कहीं सिमट जायेगी।
और तुम फिर भी बाकी रह जाओगे।
जैसे ये आसमां भी कम हो, तुम्हें जताने के लिए।
कभी लगता है कि एक बूँद में समाये हो तुम।
तो कभी फूल की टहनी पर पाँच पंखुड़ियों में सिमट जाते हो।
मैं जहाँ तक नजर दौड़ाती हूँ,
हर तरफ सिर्फ तुमको ही पाती हूँ।
ये मेरा पागलपन है या तुम इस जमीन और आसमान की हर शै:  मे सिमटे हो।
तुम भ्रम नहीं हो मेरा, तुम हकीकत हो।
खुद को देखती हूँ तो तुम्हारे होने पर यकीन होता है।
क्योंकि ये जिस्म बस एक परछाईं से चल रहा है,
जिंदा रहने के लिए जो रूह है, वो तुम्हारे पास है।
कोई ऐसी शाम तो नहीं होती, जो तुमसे खाली हो।
पूर्णिमा के दिन तुम अपने पूरे रंग पर होते हो,तो अमावस में सन्नाटों के बीच तुमको सुन लेती हूँ।
तुमको देखती हूँ तो अपने होने पर मुझको यकीं होता है।जाने कितने जन्मो से ये रूह तुम्हारे पास पड़ी है।
अब तो यूँ लगता है कि तुमसे जुदा होने की ये नाकाम कोशिशें कभी पूरी नहीं हो पायेगी।
क्योंकि इस कायनात ने मेरे वजूद को कहीं तुममें मिटा दिया है।
अब गर अलग करना चाहा तो कुछ टूटकर बिखर जायेगा हमेशा के लिए।
जिसे कोई फिर चाहकर भी ना जोड़ पायेगा।
शायद मैं या वो परछाईं जो तुम्हारे बिना कुछ नहीं है।

ये बारिश लौट आती है

ये बारिश लौट आती है




Best Sentimental Feelings

ये सावन, ये बारिश लौट आती है एक बरष के बाद।
तुम कब लौटकर आओगे?
मेरी बारिश तो सिर्फ तुम हो।
अपनेपन के सूखे ने इस दिल को बंजर जमीन की तरह कर दिया।
यहाँ अब उम्मीदों के पौधे दम तोडने लगे है।
अश्को की नमी इनको संजोने में कम पड चुकी है।
प्यार नाम के बीज अपना अस्तित्व खोने लगे है।
ना जाने तुम कब लौटकर आओगे।
मेरे तो सावन और बारिश दोनों सिर्फ तुम थे। 
जाने क्यूँ खुदा खफा हुआ है इतना,
कि दुआएँ बेअसर हो चुकी है।
कभी कभी खुद पर विश्वास टूटने लगता है,
खुदा पत्थर का है या ये दिल झूठा है।
ये दिल गर झूठा है तो तुम भी इस दुनिया का एक भ्रम हो।
और भ्रम की दुनिया सिर्फ तकलीफ देती है।
पर ये कायनात कहती है कि तुम भ्रम नहीं हकीकत हो,
जो सदियों में कभी एकबार दोहराई जाती है।
हाँ तुम ही ये बारिश हो, जो हर वर्ष सावन को ले आती है।
आसमान से बूँदों में भी तुम बरसते हो और
हथेली पर इकट्ठा करने वाले ये हाथ भी तुम्हारे है।
ये मैं नहीं हूँ, ये बस तुम हो।
मैंने देखा है तुम्हें खुद के लिए अश्क गिराते।
मैंने देखा है तुम्हें खुद को डाँटते हुए।
हाँ मैंने देखा है तुम्हें खुद से खफा होते हुए।
तुम तो तुम थे ही, मैं भी अब तुम ही हूँ।
मैं भी बस तुम हूँ।
तुम ना हो तो फिर मैं कहाँ?
तुम ना हो तो मैं कहाँ हूँ।

बंधन टूट चुके है

 बंधन टूट चुके है





बंधन सिर्फ वहाँ टूटते है जहाँ द्वैत का भाव मिट जाता है।"
मुझे खबर है तुम ऊँचाईयों पर खड़े हो,
और ढलान मेरी तरफ है।
जो कुछ भी तुम्हारी तरफ से आयेगा,मुझे स्वीकृत है।
तुम्हारी ऊँचाईयाँ बढ रही है और मेरी गहराईयाँ।
अजीब इत्तेफाक है जिन्दगी का।
तुम सबसे करीब हो मेरे और ये दूरी भी हर दिन बढती ही जा रही है।
हर दिन तुम्हारा कद और ऊँचा बढते देखना चाहती हूँ,
मुझे परवाह नहीं है इन गहराईयों के बढ जाने की।
मुझे परवाह नहीं है ये दूरी ओर बढ जाने की।
क्योंकि मुझको खबर है कि ढलान मेरी तरफ है।
तुम्हारी तरफ से जो भी आयेगा, वो मुझमें ही समायेगा।
क्योंकि मुझको पता है कि गहराई और ऊँचाई में हमेशा एक खिंचाव होता है।
क्योंकि मुझको खबर है कि तुम तो तुम हो ही,
मैं भी बस तुम ही हूँ।
क्योंकि ये जहान जानता है कि हर चीज़ तुम्हें छूने के बाद मुझ तक पहुंचती है।
तुम्हारा दिया सबकुछ आज तक मेरे पास सुरक्षित है और हमेशा रहेगा।
ये आँसू भी तुम्हारे ये मुस्कान भी तुम्हारी।
मेरा क्या है मेरे पास, मैं खुद भी बस तुम्हारी।
ये द्वैत का भाव जाने कब का मिट चुका है।
अब अगर कुछ बाकी है तो वो हो बस तुम,
बस तुम, बस तुम  ओर कुछ भी नहीं।