वो बीस मिनट

#Best Romantic Feelings#


वो जो कहता था, वो करता भी था। मै जो नहीं कहती थी, हमेशा वो ही करती थी।

उसको पागलपन पसंद नहीं थे, पर मुझे पागलपन करना पसंद था, अच्छा लगता था उसका मुझे पागल बुलाना।

वो बातें कहता नहीं था, और मैं चुप नहीं रह सकती थी, उसको चुपचाप से मुस्कुराना पसंद था और मुझे उसके चेहरे पर मुस्कान लाना।

उसके लिए मैं बेवकूफ हुआ करती थी, पर मेरे लिए वो दुनिया का सबसे होशियार इन्सान।

खुद में बहुत सारे मिथ थे, उसको लगता था दुनिया अपने हिसाब से चलती है, और मुझे लगता था हम दुनिया को बदल सकते है।

उसको पसंद नहीं था अपनी पिक क्लिक करना, पर मेरा सपना था उसकी स्माइल को कैमरे में कैद करके हमेशा के लिए अपने पास रखना।। वो मुस्कुराता हुआ बहुत अच्छा लगता था, मैं चाहती थी उसको हमेशा यूं ही मुस्कुराते हुए देखना।

उसको बन्धन पसंद नहीं थे, वो एक आज़ाद पंछी के जैसे उडना चाहता था, और मैं उसको अपने साथ बंधन में बांधना चाहती थी।

वो दुनिया देखना चाहता था, और मैं सिर्फ उसे।

कितने अलग थे हम दोनों, पर मुझे अच्छा लगता था उसका इस दुनिया में होना।

वो मुझसे दूर रहना चाहता था, और मैं हमेशा के लिए उसके पास।

प्यार नहीं करता था वो मुझसे, उसे ये कहना पसंद था, और मैं सुनना चाहतीं थी कि वो मुझसे प्यार करता है।

अजनबी थे हम दोनों  सालों बाद भी उसको लगता था, अजनबी है। हम दोनों और मुझे लगता था मैं खुद से ज्यादा उसको जानती थी।

जिन्दगी के वो बीस मिनट, जिन्होंने मुझे एहसास कराया था, जिन्दगी में कल्पनाएं भी सच होती है।

वो अनजान शहर, जिसकी गलियों में गजल की लाइनें मेरे जेहन में गूंज रही थी, "हम तेरे शहर में आये है मुसाफ़िर की तरह, एक बार मुलाकात का मौका दे दे...."

उसको पसंद नहीं थी, मेरी फिल्मी बातें, वो हकीकत के धरातल पर जीता था और मुझे हवाओं में भी उसकी खुशबू महसूस होती थी।

उसको पसंद नहीं था मेरा बार बार परेशान होना, पर मुझे अच्छा लगता था परेशान होते रहना।

उसको यकीन नहीं होता था दुनिया में ऐसे भी लोग है, मेरी मौजूदगी ने उसको एहसास कराया था, मैं अपने तरह की एक ही थी।

वो चाहता था मैं मैच्योर हो जाऊं, और मैं उसके सामने बच्चा बनना चाहती थी। एक वो ही था, जिसने मेरे बचपन को जीवंत रखा था।

वो गलती से मिला था मुझे, और मेरे जीवन की वो सबसे खूबसूरत गलती थी। उसको पसंद था गलती से मिस्टेक सांग और मुझे पसंद था, गलती से मिस्टेक में उससे प्यार करना।

वो मुझे कभी डांटता नहीं था, क्योंकि उसको डांटना नहीं आता था, एकदम मासूम सा था, पर मैं उसके साथ शैतानी करती थी।

उसको शब्दों को उलझाना पसंद था और मुझे उलझकर उसके पास ही रह जाना।

उसके सपने ऊंचे थे, वो जिन्दगी जीना चाहता था, जिसके लिए जिन्दगी ये जवानी है दीवानी जैसी थी, और मैं सिर्फ उसे जीना चाहती थी। मेरे लिए जिन्दगी एक लव स्टोरी थी।

उसको बदतमीज दिल सांग पसंद था और मुझे"क्यों ना बोले मोसे मोहन, है क्यूं रूठे रूठे मोहन। "

वो आलसी था, उसको मस्त रहना अच्छा लगता था और मुझे स्वस्थ।

वो परवाह नहीं करता था अपनी और मैं हर पल उसकी परवाह करने को उसके साथ रहना चाहती थी।

वो खुद को तेज बोलता था, पर मुझे उसके जैसी मासूमियत किसी में नहीं दिखती थी।

वो मुझे दिखाना चाहता था, परवाह नहीं करता था मेरी, पर फिर भी परवाह करता था, वो खुद को बुरा कहता था, पर मुझे उससे अचछा कोई नहीं लगता था।

मीलों की दूरी उसको मुझसे जुदा किये थी, मेरे लिए उसका इस दुनिया में होना ही काफी था। 

उसको परवाह नहीं थी मेरी, घंटों का सफर मैंने मिनटों में गुजारा था।

दिल चाहता था वो परवाह करें बस जरा सी। उसको बिल्कुल पसंद नहीं था मेरा पागलपन करना, पर मुझे यकीन होता था हर बार, वो मेरे हर पागलपन को सम्भाल लेगा।

वो सम्भाल लेता था मेरे फैलाये रायते को, शायद इसलिए मुझे वो सबसे ज्यादा पसंद था।

उसको प्यार नहीं था मुझसे, बस मेरे लिए मुझसे मिलने आया था।

शायद पिछले जन्म में उसे मुझसे प्यार था, इसलिए मेरी जिन्दगी में चला आया था।

वो अपना नहीं था मेरा, पर मेरे दिल ने उसे अपने सबसे करीब पाया था।

वो खुश रहना चाहता था और मैं भी उसको खुश ही देखना चाहतीं थी, हम दोनों में एक समानता थी।

वो मेरी सलामती की दुआएं करता था और मैं उसकी सलामती की दुआएं करती थी।

वो मुझको प्यार नहीं करता था, पर उसकी जिंदगी में मेरी मौजूदगी के कुछ क्षनं हमेशा रहेंगे, क्योंकि मैं उसको बहुत प्यार करती थी।

वो मेरा दिल दुखाना नहीं चाहता था, और मैं हमेशा उसका इंतज़ार करती रही, क्योंकि मुझे यकीन था, वो मुझसे प्यार करें या ना करें पर मेरा दिल नहीं दुखायेगा।

शायद यही प्यार था बस, जिसको वो मुझसे करता नहीं था और मैं बहुत करती थी।


#ZLa India, voice of your hearts. Some untold feeling.#"

आपके दिल की आवाज मेरी कलम से..




















Alfaz aur khamoshi ke beech bikhre ehsaso ko kalambadh krne ki ek choti si koshish krti hun,Taki kisi gamgeen chehre pe muskan de skun.Ek shayar ki nazar se aapke dil ki aawaz,aur zindgi se smete huye ko aap tak pahuchane ka junun bs yahi jo aksar mujhe likhne ke liye majboor kr deta h.....

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