Best love feelings
मेरी जिंदगी के गुलाब तुम हो
"किसी को तोडकर आशियाना बनाना नहीं
सीखा है मैनें,मेरी जिन्दगी के गुलाब सिर्फ तुम हो।"
"आज तुमसे कुछ कह दूँ या फिर चुप ही रह जाऊँ,
अक्सर तुमको मेरी खामोशी ही पसंद है।"
"खामोश रहकर भी तुम सवाल कर लेती हो,
लफ्जों में कहोगी,तो मुझ पर ये खामोशी का जुर्म ना होगा।"
"कुछ कहना है मुझे तुमसे,तुम बस सुन लो एक बार,
तुमको सुनते हुए देखकर मैं अक्सर मुस्कुरा लेती हूँ।"
"कितनी दफा हाथ बढाया मैंने वो गुलाब तोडने को,
पर नहीं तोड पायी हूँ।
किसी को तोडकर कहाँ मेरे चेहरे पर मुस्कान आयेगी।
मैंने तो अक्सर तुमसे दिलो को जोडना सीखा है।"
"ना चाहत है अब उस गुलाब की,,ना चाहत उसे तोडने की
मेरी जिन्दगी का गुलाब मेरे साथ है।"
"कितनी बार देखा है मैंने तुममे उस गुलाब
की कोमलता,
बडे मासूम और नादान हो तुम,
क्या कहीं कोई तुमसा भी होगा।
कहाँ होगा कोई तुमसा,
तुमको तो सदियों में एक बार बनाता है खुदा,
जब उसको बनाना हो कुछ अलग सबसे जुदा।"
"तुम्हारी बुरूखी के कुछ काँटे कितनी बार चुभे है
मुझको,ये मत पूछना कभी,
क्योंकि मैंने लोगो को गुलाब के लिए काँटो की परवाह
ना करते हुए देखा है।"
"कितनी बार मैंने उस गुलाब की पत्तियों पर पानी की
बूँदें देखी है,बहुत खूबसूरत लगता है वो
कभी कभी ये ख्वाहिश भी होती है
कि एक रोज तुम्हारे चेहरे पर कुछ बूँदें छिटककर देखूँ
तुम कितने खूबसूरत लगते हो,क्योंकि मेरी जिन्दगी के गुलाब सिर्फ तुम हो।"
"कई बार डर लगता है मुझे तुम्हें खोने से
मैंने अक्सर उस पौधे को रोते देखा है जिसकी
डाली से गुलाब टूट जाता है।
तुम्हारे बिना क्या रह जायेगा मेरे पास,
मेरी खूबसूरती सिर्फ तुमसे है,क्योंकि तुम मेरी जिंदगी
के गुलाब हो।"
"वो पौधा जैसे वर्षों इंतजार करता है उस गुलाब के आने का
मैंने भी बड़ी दुआओं से पाया है तुम्हें,,
तुमको खो दिया तो कहाँ रह पाऊंगी।
जैसे उस पौधे की वो सूखी डाली,मैं भी
तो ऐसी ही हूँ तुम्हारे बिना।
क्योंकि तुम मेरी जिन्दगी के गुलाब हो।
तुम मेरी जिंदगी के गुलाब हो"
"ना परवाह है तुम्हारी बेरूखी की,
ना परवाह है उन आँसुओं की जो तुम
अक्सर दे देते हो,क्योंकि मैंने देखा
है तुम्हारी कोमलता को बड़े करीब से।
तुम मेरी जिंदगी के गुलाब हो।"
"तुम सब कह देती हो,और मैं कहाँ कह
पाता हूँ
चलो आज फिर से चुप रहकर खुद से ही
कह देता हूँ।
इस गुलाब की खुशबू सिर्फ तुम हो,
तुम्हारे बिना कहाँ इस जिन्दगी में रौनक है।
मैंने देखा है अक्सर बिन खुशबू के गुलाब को बिखरते।
कभी कभी डर लगता है मुझे भी तुम्हें खोने से।"
"तुम किन ख्यालों मे खोये हो,मैंने सबकुछ कह दिया।
चलो अब अपनी राहों पर साथ साथ निकलते है।"
"अक्सर चुप रहकर ये सोचता हूँ,
कि क्या कभी वो राहें खत्म होगी
जिनपर तुम चलने के लिए कह देतीं हो,
क्योंकि मैं जानता हूँ तुम्हारी बातें कभी खत्म नहीं होगी।"
💓💓💓
2 comments
Write commentsSmile :)
ReplyKeep up that work.
Rose for your work :)
Keep that always,
May God bless you
Thanks sir......
ReplyFor appreciating me 🙏
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