तुम्हारे कदमो धूल भी खफा हो गयी है

तुम्हारे कदमो धूल भी खफा हो गयी है

Best Sentimental feelings





जिन्दगी आज भी उन पलो में बिखरी सी है।
जब आखिरी बार तुम्हें मुस्कुराते हुए देखा था।
कुछ टूट रहा है अब तुम्हारे बिना,
शायद मैं या फिर कुछ एहसास।
तुम्हारी खामोशी की बेडियाँ मेरे अल्फाजो को जकडे हुए हैं।
मैं कहाँ आजाद हूँ,
मेरी रूह तुम्हारे पास किसी कोने में धूल से दबी पड़ी है।
मेरी परछाइयाँ मेरा साथ छोडने लगी है।
जैसे मैं, मैं नहीं हूँ।
तुम्हारे कदमों की धूल भी जैसे खफा हो गयी हो।
जैसे जिन्दगी रूठी हो जबसे तुम रूठे हो।
आँख नम हो जाती है अब बेमुददत की बातों पर।
तुम थे तो सब गम दूर हो जाया करते थे बेवजह ही।
अब तो जैसे कोई राह नजर नहीं आती है।
तुम तक पहुंचने वाली हर राह जैसे तुमने बंद कर दी हो।
पर शायद तुम भूल चुके हो, तुम्हारे घर के किसी कोने में धूल में कुछ पड़ा है।
उसको आजाद करना भूल गये हों तुम।

तुम्हारे होने यकीं हो गया

तुम्हारे होने  यकीं हो गया



Best heart touching feelings




"आज यूँ लगता है कि जिन्दगी तुम्हें बयाँ करने में ही कहीं सिमट जायेगी।
और तुम फिर भी बाकी रह जाओगे।
जैसे ये आसमां भी कम हो, तुम्हें जताने के लिए।
कभी लगता है कि एक बूँद में समाये हो तुम।
तो कभी फूल की टहनी पर पाँच पंखुड़ियों में सिमट जाते हो।
मैं जहाँ तक नजर दौड़ाती हूँ,
हर तरफ सिर्फ तुमको ही पाती हूँ।
ये मेरा पागलपन है या तुम इस जमीन और आसमान की हर शै:  मे सिमटे हो।
तुम भ्रम नहीं हो मेरा, तुम हकीकत हो।
खुद को देखती हूँ तो तुम्हारे होने पर यकीन होता है।
क्योंकि ये जिस्म बस एक परछाईं से चल रहा है,
जिंदा रहने के लिए जो रूह है, वो तुम्हारे पास है।
कोई ऐसी शाम तो नहीं होती, जो तुमसे खाली हो।
पूर्णिमा के दिन तुम अपने पूरे रंग पर होते हो,तो अमावस में सन्नाटों के बीच तुमको सुन लेती हूँ।
तुमको देखती हूँ तो अपने होने पर मुझको यकीं होता है।जाने कितने जन्मो से ये रूह तुम्हारे पास पड़ी है।
अब तो यूँ लगता है कि तुमसे जुदा होने की ये नाकाम कोशिशें कभी पूरी नहीं हो पायेगी।
क्योंकि इस कायनात ने मेरे वजूद को कहीं तुममें मिटा दिया है।
अब गर अलग करना चाहा तो कुछ टूटकर बिखर जायेगा हमेशा के लिए।
जिसे कोई फिर चाहकर भी ना जोड़ पायेगा।
शायद मैं या वो परछाईं जो तुम्हारे बिना कुछ नहीं है।

ये बारिश लौट आती है

ये बारिश लौट आती है




Best Sentimental Feelings

ये सावन, ये बारिश लौट आती है एक बरष के बाद।
तुम कब लौटकर आओगे?
मेरी बारिश तो सिर्फ तुम हो।
अपनेपन के सूखे ने इस दिल को बंजर जमीन की तरह कर दिया।
यहाँ अब उम्मीदों के पौधे दम तोडने लगे है।
अश्को की नमी इनको संजोने में कम पड चुकी है।
प्यार नाम के बीज अपना अस्तित्व खोने लगे है।
ना जाने तुम कब लौटकर आओगे।
मेरे तो सावन और बारिश दोनों सिर्फ तुम थे। 
जाने क्यूँ खुदा खफा हुआ है इतना,
कि दुआएँ बेअसर हो चुकी है।
कभी कभी खुद पर विश्वास टूटने लगता है,
खुदा पत्थर का है या ये दिल झूठा है।
ये दिल गर झूठा है तो तुम भी इस दुनिया का एक भ्रम हो।
और भ्रम की दुनिया सिर्फ तकलीफ देती है।
पर ये कायनात कहती है कि तुम भ्रम नहीं हकीकत हो,
जो सदियों में कभी एकबार दोहराई जाती है।
हाँ तुम ही ये बारिश हो, जो हर वर्ष सावन को ले आती है।
आसमान से बूँदों में भी तुम बरसते हो और
हथेली पर इकट्ठा करने वाले ये हाथ भी तुम्हारे है।
ये मैं नहीं हूँ, ये बस तुम हो।
मैंने देखा है तुम्हें खुद के लिए अश्क गिराते।
मैंने देखा है तुम्हें खुद को डाँटते हुए।
हाँ मैंने देखा है तुम्हें खुद से खफा होते हुए।
तुम तो तुम थे ही, मैं भी अब तुम ही हूँ।
मैं भी बस तुम हूँ।
तुम ना हो तो फिर मैं कहाँ?
तुम ना हो तो मैं कहाँ हूँ।

बंधन टूट चुके है

 बंधन टूट चुके है





बंधन सिर्फ वहाँ टूटते है जहाँ द्वैत का भाव मिट जाता है।"
मुझे खबर है तुम ऊँचाईयों पर खड़े हो,
और ढलान मेरी तरफ है।
जो कुछ भी तुम्हारी तरफ से आयेगा,मुझे स्वीकृत है।
तुम्हारी ऊँचाईयाँ बढ रही है और मेरी गहराईयाँ।
अजीब इत्तेफाक है जिन्दगी का।
तुम सबसे करीब हो मेरे और ये दूरी भी हर दिन बढती ही जा रही है।
हर दिन तुम्हारा कद और ऊँचा बढते देखना चाहती हूँ,
मुझे परवाह नहीं है इन गहराईयों के बढ जाने की।
मुझे परवाह नहीं है ये दूरी ओर बढ जाने की।
क्योंकि मुझको खबर है कि ढलान मेरी तरफ है।
तुम्हारी तरफ से जो भी आयेगा, वो मुझमें ही समायेगा।
क्योंकि मुझको पता है कि गहराई और ऊँचाई में हमेशा एक खिंचाव होता है।
क्योंकि मुझको खबर है कि तुम तो तुम हो ही,
मैं भी बस तुम ही हूँ।
क्योंकि ये जहान जानता है कि हर चीज़ तुम्हें छूने के बाद मुझ तक पहुंचती है।
तुम्हारा दिया सबकुछ आज तक मेरे पास सुरक्षित है और हमेशा रहेगा।
ये आँसू भी तुम्हारे ये मुस्कान भी तुम्हारी।
मेरा क्या है मेरे पास, मैं खुद भी बस तुम्हारी।
ये द्वैत का भाव जाने कब का मिट चुका है।
अब अगर कुछ बाकी है तो वो हो बस तुम,
बस तुम, बस तुम  ओर कुछ भी नहीं।





कुछ कहना हैं तुमसे

कुछ कहना हैं तुमसे


Best heart touching feelings



कुछ कहना है तुमसे और तुमने इजाजत ही नहीं दी कुछ कहने की।


कहना

 भी आखिर क्या?


सबकुछ तो तुम्हें खबर है बिन कहें ही।
जब यूँ लगता है कि तुमसे जिन्दगी भर की बातें करनी है,
तब जिन्दगी खुद बेजुबाँ हो जाती है।
क्या कहूं,तुम्हें सबकुछ खबर है।
मुझे मुझसे बेहतर जानते हो तुम।
या फिर यूँ कि तुमसे जुदा कोई अल्फाज ही नहीं है।
जबसे खफा हुए हो, ये अल्फाज रूठे से है।
और वापस लौट आने की कोई खबर ही नहीं।
तुम्हारी खामोशी ने मुझे चुपचाप बातें करना सिखाया है।
अब यूँ लगता है कि सन्नाटों में भी मैं तुम्हें सुन लेती हूँ।
अब तुम्हारी आहट से तुम्हें पहचान लेती हूँ।
अब बस तुम्हारे होने का एहसास ही काफी है जिंदा रहने के लिए।
मैनें खुद को तुममें सिमटते हुए देखा है।
तुम तो तुम हो ही, मैं भी बस तुम ही हूँ।
मैं भी तो तुम हूँ
तुम ना हो तो फिर मैं कहाँ?




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