बैंगलोर शहर (मेरी नजर से)



Personal thoughts


अब सिर्फ 46 दिन के लिए मैं इस शहर की मेहमान हूँ।बैंगलोर दुनिया के खूबसूरत शहरों में से एक,इसी शहर में मैं अपनी जिंदगी के 9 बेशकीमती महीने बिताने जा रही हूँ।इसी विषय पर लिखा ये एक छोटा सा लेख,बैंगलोर मेरी नजर से -


37 डिग्री तापमान को चीरते हुए जब दिल्ली से मेरी फ्लाइट निकलीं थी,तो मैंने अन्दाजा भी नहीं लगाया था,कि बादलों को चीरते हुए मैं एक ऐसी जगह जा रही हूँ,जहाँ गर्मी और उमस भरा ये मौसम भी इतना खूबसूरत हो सकता है।
आँखों में उदासी और चेहरे पर चिपके हुए आँसुओं के दाग,जिनको पूरे रास्ते भर भईया से छिपाती रही थी,कैसे रहूँगी वहाँ,घर से दूर पहली बार अकेले,बार-बार बस मम्मी का ख्याल दिल में आता और आँसुओं को आँखों में ही समेटने का एक मुश्किल काम जिसको भईया को पता चलने से पहले ही छिपाना,लेकिन मेरे चेहरे की उदासी नहीं छिपी थी उनसे,उनको वो सब मालूम था जिसे छिपाने के लिए मैं बहुत ऐफर्टस लगा रही थी।घर छोडने की तकलीफ तो थी,पर दिल में सुकून भी कि मैं अपने सपनों की तरफ कदम बढ़ा रही हूँ,कुछ अच्छा करने के लिए जिन्दगी की एक नयी यात्रा पर निकली हूँ।




जैसे ही फ्लाइट से उतरकर इस शहर में पहला कदम रखा,इस शहर की रूमानियत को महसूस किया,शाम की वो ठंडी शाम बारिश के छींटों से जो और ठंडी हो चुकी थी,उसने मुझे मुस्कुराने पर मजबूर कर दिया।और मुझे लगा शायद ये शाम आज मेरे इंतजार में ओर ठंडी हुयी है,ठंड की वजह से मैं थोड़ा सा सिकुड़ गयी,ओर मुस्कुराती रही।लेकिन एकदम से दिल में एक ख्याल आया कल मैं इस शहर में अकेली होऊँगी।कोई अपना नहीं होगा साथ,इन्हीं ख्यालों के साथ मेरे कदम इस शहर की तरफ बढ गये।




आज इस शहर की तरफ देखूँ,तो यूँ लगता है इसने कितना सीखाया है मुझे।शायद वर्षों गुजार देतीं ये जिन्दगी इतना सीखने में।कभी कभी यूँ लगता है मैं वो सब भी देखती हूँ,जो सब नहीं देख पाते।एक शायर की नजर से ये शहर बहुत खूबसूरत है,नारियल के पेड़ जब हवा से लहराते है,तो किसी खामोश एहसास की आवाज मुझे सुनायी देती है,जैसे ये पेड़ कह रहे हो,कि कभी एक। रोज बैठकर हमें भी देखना कभी अल्फाजों से ज्यादा खामोशी बात करती है।
इस शहर की शान्ति देखकर मुझे यूँ लगता है,ये वही जगह है,जिसे मैंने वर्षों से ढूँढा है।
यहाँ की फीकी चाय में प्यार की मिठास को महसूस किया है।इस शहर ने मुझे सीखाया कि प्यार और अपनेपन की कोई भाषा नहीं होती।


घर से दूर अपनों से अलग एक अजनबी शहर को मैंने अपना बनते देखा है।कभी बाल्कनी में बैठकर उस ठंडी और सुकून भरी हवा को महसूस करना,यूँ लगता है कि ये हवा उस हवा से जुदा नहीं है जो मम्मी को छूकर गुजरती होगी।ये आसमान ओर इस पर चमकने वाला चाँद सबकुछ सिर्फ अपने ही है।
ये भारत भूमि यहाँ भी वही है,वहाँ भी वही है।सच कहूं तो इस शहर ने सीखाया है कि मैं सिर्फ एक भारतीय हूँ।उत्तर -भारत,दक्षिण भारत सिर्फ हमारी संकीर्णता को दिखाती है।
ये शहर अब अपना सा लगता है,यहाँ के लोग अपने से लगते है।यहाँ का खानपान,साफ-सफाई जो मेरे से थोड़ा जुदा है,लेकिन फिर भी इसने मुझे एक चीज़ सीखायी कि बाहरी स्वच्छता से ज्यादा आंतरिक स्वच्छता मायने रखती है,जो कि मैं हर एक व्यक्ति के अंदर महसूस करती हूँ।




यहाँ की वो फीकी चाय और नमकीन पानी जिसने जिन्दगी के नये मायने सिखाये।इस चाय की हर एक सिप के साथ मैंने ये महसूस किया है कि जिन्दगी में हमेशा हर चीज़ मीठी नहीं हो सकती,जिन्दगी के तजुरबे हमें सिखाते है,और इस नमकीन पानी में मैंने अपने काले बाल खोये,लेकिन फिर भी इसने मुझे बस इतना सिखाया कि अपना कुछ खोकर भी हमें मुस्कुराना नहीं छोडना चाहिए।




कैनोपी दोस्तों के साथ बीते जिन्दगी के ये 7 महीने कभी पता ही नहीं चले कि साथ चलते चलते यहाँ तक चले आयेंगे एक दिन।अब यूँ लगता है कि इस शहर में हम सब दोस्त सिर्फ 46 दिन के मेहमान है।मुसाफिर की तरह एक दिन सब निकल जायेंगे अपने जुदा रास्तों पर,लेकिन फिर भी कुछ साथ होगा तो साथ बिताया ये पल।कैमरे में कैद वो यादें और वो अपना पन जिसने इस अजनबी शहर को कभी अजनबी नहीं रहने दिया।इस शायर की नजर से हमेशा ही दोस्ती एक सबसे खूबसूरत रिश्ता है और कैनोपी ने महसूस भी कराया।




इस शहर को कभी बड़े गौर से देखूँ तो ये लगता है,शायद ये शहर भी मेरा इंतजार कर रहा था,यहाँ की ठंडी हवा में अब अपनापन लगता है,कि ये ठंडक और सुकून शायद किसी अजनबी शहर में कभी नहीं मिलेगा।


💕💕 Zla India -आपके दिल की आवाज,जुड़े रहिये कहानियों और कविताओं के साथ जिनके नायक होंगे आप।कुछ एहसास जो छू ले दिल को ........💕 💕







Alfaz aur khamoshi ke beech bikhre ehsaso ko kalambadh krne ki ek choti si koshish krti hun,Taki kisi gamgeen chehre pe muskan de skun.Ek shayar ki nazar se aapke dil ki aawaz,aur zindgi se smete huye ko aap tak pahuchane ka junun bs yahi jo aksar mujhe likhne ke liye majboor kr deta h.....

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