रात तुम ख्वाबों में आये थे

Best romantic feelings




"कल रात तुम ख्वाबों में आये थे,
और मैंने चुपके से मुस्कुराकर कहा था,
कि मैं तुम्हें याद करूँगी।"


"तुम यूँ कहकर मुस्कुराकर चल दिये थे,
कि मैं कक्षा पांच का लेसन तो नहीं,जो तुम इतनी आसानी से याद कर पाओगी।"


वो तुम्हारी मेरी बचपन की बातें



"मैंने तुम्हारा हाथ पकडकर वापस बैठा लिया था और कहा था -
तुम मेरी किताबों में होते तो मैं कब की एग्जाम में पास हो गयी होती।
पर हाँ ये भी सच है कि तुम अब मेरी कलम से मेरी किताबों में ढलने लगे हो।
आज नहीं तो कल कक्षा पांच का लेसन भी बन जाओगे।"


"तुमने अपना हाथ छुडाया था और फिर से खडे होकर चल दिये थे,
तुमने मुस्कुराकर कहा था -
मुझको लिखने में तुम्हारी उम्र ढल जायेगी।
और मैंने तुम्हें बीच में रोकते हुए कहा था -
मैं भी तो बस यहीं चाहती हूँ कि तुम्हारे सांये में ये उम्र ढल जाये।"


"इस बार तुम और मैं दोनों खामोश हो गये थे,
ना तुम मुस्कुरा पाये थे और ना मैंने तुम्हारे हाथ को पकडकर खींचा था।
कुछ पल की खामोशी हम दोनों के बीच घुल गयी थी।
और फिर तुमने ही इस खामोशी को तोड़ा था"


"तुम्हारी आँखों में कुछ बैचेनी सी थी,
और तुमने बस यूँ कहा था -
मुझे अच्छा लगता है तुम्हारा याद करना,
तुम्हारी डायरी के पन्नों में कैद होकर,मैं हमेशा तुम्हारे पास रह जाना चाहता हूँ।
ताकि तुम मुझे हमेशा याद रख पाओ पांचवी कक्षा के लेसन की तरह।
ताकि मैं तुम्हारी फेवरिट वो कविता बन जाऊँ,जिसको तुम आज तक नहीं भूल पायी हो।
मैं चाहता हूँ कि मेरे सांये में ढलकर तुम मेरी परछाईं बन जाओ।
ताकि फिर कभी तुमसे जुदा होने का डर ना मुझको सताये।"




"मेरी आँखों के वो कुछ आँसू जो तुम्हारी बातों से छलक आये थे,मैंने उन्हें तुम्हारी हथेली पर इकट्ठा करके कहा था -
तुम दूर हो तो ऐसे बन जाते हो,तुम अक्सर मुझमें इन आँसुओं के जरिए पिघल जाते हो।"


"मेरा दिल हल्का करने को,जैसे तुम फिर से मुस्कुरा उठे थे और कहने लगे थे -
तुम्हारी ये आँखें मेरी अमानत है,इनमें आँसू भी मैं हूँ और दीवानगी भी मैं।
डर लगता है मुझे तुम्हारे आँसुओं से भी ज्यादा तुम्हारी दीवानगी से।
कहीं ऐसा ना हो,एक दिन तुम मुझे किसी कक्षा के सिलेबस में ढाल दो,
और फिर बच्चों को मेरी वजह से पिटना पडे।"


पांचवी क्लास की बातें




"मैंने तुम्हारी हथेली पकडते हुए वो आँसू नीचे गिराते हुए मुस्कुराकर कहा था -
अभी कहाँ देख पाये हो तुम ये दीवानगी।
एक दिन तुमको कुछ ऐसे लिख दूंगी कि तुम
बस मेरी नज्म बनकर रह जाओगे।
शायर लिखने से पहले तुमको पढेंगे।"


"तुमने मुस्कुराते हुए मुझे मारने के लिए हाथ बढाया था,
और मैं चीखते हुए बोली थी -बचाओ।
और रात का ये हसीन ख्वाब टूट गया था।
ना तुम थे,ना तुम्हारी कोई बात।
थी तो बस वो मुस्कान जो तुम्हें याद करके अक्सर मेरे चेहरे पर आ जाती है।"






💕💕 Zla India -आपके दिल की आवाज।जुड़े रहिये कहानियों और कविताओं के साथ,जिनके नायक होंगे आप।कुछ एहसास जो छू ले दिल को .............💕 💕





Alfaz aur khamoshi ke beech bikhre ehsaso ko kalambadh krne ki ek choti si koshish krti hun,Taki kisi gamgeen chehre pe muskan de skun.Ek shayar ki nazar se aapke dil ki aawaz,aur zindgi se smete huye ko aap tak pahuchane ka junun bs yahi jo aksar mujhe likhne ke liye majboor kr deta h.....

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