☁❥"आज बारिश की कुछ बूँदें जैसे इस जमीन पर आने का
इंतजार कर रही है,ऐसे ही इंतजार किया था उस रोज मैंने तुम्हारा।
मेरी और तुम्हारी वो पहली बारिश जिसमें हम साथ भीगे
थे,आज जैसे कुछ याद लेकर वापस लौट आयी हो।
आसमान से गिरती इन बूँदों के साथ कुछ यादें जेहन में
उतर आयीं है।☔
😊😊"घण्टों तक तुम्हारी राह देखता रहा था मैं।
तुम्हारे साथ पी वो चाय जिसको टपकती
बूँदों ने फीका सा कर दिया था,आज भी जैसे वो मेरी
जिन्दगी की सबसे मीठी चाय है।"🍀🍀
तुमको देखता तो आज भी हूँ,
पर कहाँ देखा है |
तुम्हें देखकर भी,
तुम्हारी उस मासूमियत को कहाँ मासूम कह पाया हूँ।
तुम्हारे गीले बालो से छिटकीं वो बारिश की बूँदें,
जो मेरे चेहरे पर जैसे आज भी मौजूद हो।
कब कहा है तुमसे कि तुम गीले बालों में बहुत
खूबसूरत लगती हो।"✹✹
⛅⛅"मेरी हर सुबह आज भी तुमको देखकर ही शुरू होती है,
लेकिन कुछ अल्फाज जो तुम्हारे चेहरे पर मुस्कान देते है।
इस जिन्दगी की जद्दोजहद में मैंने उनको खोया है।
जाने कब से नहीं कहा तुमको,
कि तुम्हें देखने से मेरी हर सुबह खूबसूरत हो जाती है।"⛅⛅
➦✺✺"बहुत आगे बढ रहा हूँ हर दिन,
लेकिन फिर भी पहले सी अब वो मुस्कान नहीं है।
अब तुम्हें हर चीज़ खरीदकर देता हूँ,
पर वो खुशी नहीं है,जब पहली बार मैंने अपनी
पॅाकेट मनी से पैसे बचाकर तुम्हारे लिए वो
खूबसूरत ड्रेस खरीदीं थी।"👗💗💗
💕💕"आज यूँ लगा है कि जिन्दगी के बीते पल
जैसे वापस लौट आए हों।
जाने कब से मैंने खुद को खुशनसीब
नहीं कहा है।"💕💕
👫💝"चलो आज फिर से भीग लेते है इस बारिश में।
मैंने और तुमने जिन्दगी से जो पल खोये है,
उनको फिर से समेट लेते है।
चलो आज बारिश की बूँदों के बीच
फिर से प्याले से चाय पीते है।☕☕
वो फीकी सी चाय जिसको तुम्हारे
एहसास ने मीठा किया था।"💢💢
💑"आज फिर से तुम्हारे बालों से छिटकीं
उन बूँदो के बीच जिन्दगी के रंगों को
ढूंढ लेता हूँ।
चलो आज फिर से इस बारिश में भीग जाते है।
चलो आज फिर से इस बारिश में भीग जाते है।"💑
इंतजार कर रही है,ऐसे ही इंतजार किया था उस रोज मैंने तुम्हारा।
मेरी और तुम्हारी वो पहली बारिश जिसमें हम साथ भीगे
थे,आज जैसे कुछ याद लेकर वापस लौट आयी हो।
आसमान से गिरती इन बूँदों के साथ कुछ यादें जेहन में
उतर आयीं है।☔
जैसे मैं रूठी थी तुमसे - Read More
😊😊"घण्टों तक तुम्हारी राह देखता रहा था मैं।
तुम्हारे साथ पी वो चाय जिसको टपकती
बूँदों ने फीका सा कर दिया था,आज भी जैसे वो मेरी
जिन्दगी की सबसे मीठी चाय है।"🍀🍀
✹✹"कितने बदल गये है हम,सालों से फुरसत के
कुछ पल साथ नही बिताये।तुमको देखता तो आज भी हूँ,
पर कहाँ देखा है |
तुम्हें देखकर भी,
तुम्हारी उस मासूमियत को कहाँ मासूम कह पाया हूँ।
तुम्हारे गीले बालो से छिटकीं वो बारिश की बूँदें,
जो मेरे चेहरे पर जैसे आज भी मौजूद हो।
कब कहा है तुमसे कि तुम गीले बालों में बहुत
खूबसूरत लगती हो।"✹✹
⛅⛅"मेरी हर सुबह आज भी तुमको देखकर ही शुरू होती है,
लेकिन कुछ अल्फाज जो तुम्हारे चेहरे पर मुस्कान देते है।
इस जिन्दगी की जद्दोजहद में मैंने उनको खोया है।
जाने कब से नहीं कहा तुमको,
कि तुम्हें देखने से मेरी हर सुबह खूबसूरत हो जाती है।"⛅⛅
➦✺✺"बहुत आगे बढ रहा हूँ हर दिन,
लेकिन फिर भी पहले सी अब वो मुस्कान नहीं है।
अब तुम्हें हर चीज़ खरीदकर देता हूँ,
पर वो खुशी नहीं है,जब पहली बार मैंने अपनी
पॅाकेट मनी से पैसे बचाकर तुम्हारे लिए वो
खूबसूरत ड्रेस खरीदीं थी।"👗💗💗
💕💕"आज यूँ लगा है कि जिन्दगी के बीते पल
जैसे वापस लौट आए हों।
जाने कब से मैंने खुद को खुशनसीब
नहीं कहा है।"💕💕
👫💝"चलो आज फिर से भीग लेते है इस बारिश में।
मैंने और तुमने जिन्दगी से जो पल खोये है,
उनको फिर से समेट लेते है।
चलो आज बारिश की बूँदों के बीच
फिर से प्याले से चाय पीते है।☕☕
वो फीकी सी चाय जिसको तुम्हारे
एहसास ने मीठा किया था।"💢💢
💑"आज फिर से तुम्हारे बालों से छिटकीं
उन बूँदो के बीच जिन्दगी के रंगों को
ढूंढ लेता हूँ।
चलो आज फिर से इस बारिश में भीग जाते है।
चलो आज फिर से इस बारिश में भीग जाते है।"💑
1 comments:
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