Best Romantic feeling
☃ ☃जनवरी की ठिठुरती सर्दी मे मैं और तुम,
जब एक ख्वाहिश पूरी करने को बर्फ की वादियों
की तरफ यूँ ही बेवजह चल दिए थे।
कितने हसीन थे जिन्दगी के वो पल।👫
🌿🌿"ऐसा लगा था कि तुम्हारे साथ,आज इस
जिन्दगी को हमेशा के लिए इस पल में
कैद कर लू।
ताकि दोबारा कभी बिछड़ने का गम ना आये।"💑💑
तुम और मैं-Read more
👃👃"तुम्हारी नाक सर्दी से लाल हो चुकी थीं
ओर मैंने चुपके तुम्हारे चेहरे पर ठंडे हाथो
को लगाकर तुमको छेडा था।"💆💆
🍁🍁"यूँ ही मस्ती मे डूबते -डूबते,खबर तक नहीं
हुयी थी,कब हम बर्फ़ की वादियों में पहुँच गये थे।"☃☃☃
😣😣"तुम्हारी वो झूठी नाराजगी,जो मेरे ठंडे हाथ लगाने की
वजह से आयी थी,,
उसकी वजह से तुम यूँ चुप थे जैसे खामोशी से ही मुझसे
बदला ले रहे हो।
तुम जानते थे तुम्हारी खामोशी मुझे सबसे ज्यादा
परेशान कर देती है।"😩😩
👦👦"तुम यूँ गुमसुम से चुपचाप एक तरफ बैठ गये थे।
मुझे यूँ लगा था,कि मेरी जिंदगी की सारी खुशी खो
गयी हो।
मैनें तुम्हारी तरफ देखकर उदास चेहरे से कहा था -🌿🌿
💢💢"तुम उदास हो,तो मेरे होठो की हँसी कहीं
खो जाती है।
कहाँ जाऊंगी मैं तुमसे खफा होकर,
इस सारी खुदाई में तो तुम बसे हो।"🌠🌠
वो तुम्हारी और मेरी बातें -Read more
😐😐तुम कुछ नही बोले थे,यूँ ही चुपचाप
जैसे तुमको बहुत शिकायत हो मुझसे।
तुम्हारी इस बेरुखी को देखकर मैं ठंड
की परवाह किए बिना ही तुम्हारे पास बैठकर
छलकीं हुई आँखों से बोली थी-💔💔
🌸🌸"एक रोज मैं यूँ गुमसुम थी,तो तुमने यूँ पूछा था
क्या अब मजाक करने का भी हक नहीं रहा?
आज बस मैं पूछती हूँ,क्या अब मजाक
करने का भी हक नही। रहा।"☺☺
😐😐"तुम बस चुपचाप चल दिये थे,
मेरी आँखों के छलके आँसू अब बाहर
निकल आये थे।
जैसे तुम यूँ खफा हो मुझसे कि सारी दुनिया
रुठी हो ।"💛💛
⛄⛄तुमने बर्फ का एक गोला मेरी तरफ उछालकर
हँसते हुए कहा था-💬💬
🌷🌷"तुम उदास हो,तो हँसने का मजा ही अलग है।
तुम खुश हो,तो सिर्फ़ तुम ही बोलती हो।
कभी कभी मैं ये सोचता हूँ कि तुम इतना कैसे बोलती
हो,तो सोचता ही रह जाता हूँ।"💚💚
🌑🌑तुम्हारी ये बेतुकी शायरी सुनकर मैं बर्फ का गोला
उठाकर तुम्हारी तरफ दौड़ पड़ी थीं।
कितने खूबसूरत थे वो पल जब मैंने बर्फ उठाकर
तुम्हारी शर्ट मे डाली थी और तुम ठंड से ठिठुरने लगे थे।⛄⛄
चाँद और तुम -Read more
✌उस रोज मैनें तुम्हें दो सजाएँ सुनायी थी,एक बर्फ से
ठिठुरने की और दूसरी शायरी करने की।
तुमको दी गयी वो सजाएँ,मेरे जेहन मे आज भी सबसे
खूबसूरत याद है।तुमने बेबस होकर
मुझको देखा था कि तुमको शायरी नहीं आती।
पर ना कहना भी तो मुनासिब न था।💙💙
तुमने कुछ यूँ कहा था -💬💬
💢💢"तुम हर रोज़ यूँ कह देती हो,कि तुमको बड़ी
दुआओं से पाया है,ओर मैं बस चुप।
चुप रहने वाले क्या कभी दुआएँ नही करते।"💜💜
✨✨"जब कभी यू लगता है कि हौसले कुछ बिखरे से है।
तो खुद को ऊँचा देखने के लिए तुम्हारे पास चला
आता हूँ।"☺☺
✋✋"तुम्हारे हाथों की हर दुआ मे नाम हो मेरा,
कब चाहा था कभी ऐसा
पर अब दुआओं का नाम लेते ही
पहला ख्याल तुम्हारा होता है।"👈👈
👄👄"तुम्हारा बोलना अक्सर परेशान कर देता है।
पर चुप रहना उससे भी ज्यादा
आधी हकीकत ये भी है।"🌓🌓
👆👆"एक रोज तुमने कहा था,💬💬
कौन कहता है कि कोई शख्स रंग की तरह नही
चढता,मैनें देखा है खुद को किसी के रंग मे रंगते।
उस रोज मैनें मन ही मन में कहा था,
कभी कभी अच्छा लगता है तुमको अपने रंग में देखकर,
कुछ तो मुझमें भी रहा होगा अच्छा जो तुम इतना रंगी हो।"🌺🌺
❤❤तुम्हारी शायरी का एक एक शब्द मेरे दिल में
उतर गया था,ओर आँखों में खुशी के चंद आँसू
छलक आये थे।
मैनें तुमको चुप करते हुए कहा था,बस अब ओर
कुछ मत बोलो।
तुम यूँ खामोश हो गये थे,मैनें अपने हाथो से तुम्हारे हाथों
को पकड़ा था।
तुमने अपनी हथेलियों के बीच में मेरे हाथों को
लेकर अपनी हथेलियों की गर्माहट से सारी
ठंड को दूर कर दिया था।👏👏
👕👕तुम्हारी भीगी शर्ट को देखकर मैनें कहा था,कि
अब घर चलते हैं।
मैं और तुम खामोशी से ही घर की तरफ चल दिए थे।👫👫
💐💐"उस रोज मैंने तुमसे चुप रहना सीखा था।
उस रोज मैनें तुमसे चुप रहना सीखा था।"💢💢
💫💫"उस रोज मैनें पहली दफा,खामोशी से कहना सीखा था
उस रोज मैंने तुमसे चुप रहना सीखा था।"💢💢
2 comments
Write comments👌
ReplyThanks.
ReplyIts new blog.
Abhi bahut kuchh nya aayega yahan .
Aap regularly connect rhiye aur apne friends k sath share bhi kijiye
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