एक शाम जो तुम्हारे बिना गुजरी थी,खामोशी ओर
हर तरफ बस तुम्हारी ही कमी थी।कितने अजीब
ख्यालात थे उस रोज,जब तुमने मुझे तुम्हारे बिना
रहने के लिए कहा था,कुछ अल्फाज उमड अाये थे
"कभी कभी यूँ लगता है,मेरी खामोशी तुम्हें समझ नही अाती,मेरे अल्फाज जो अाज भी तुम्हारे इन्तजार मे बैठे है,क्या कभी सुन पाओगे तुम उन्हें।
कभी कभी यूँ लगता है,मेरी दुआओं मे नाम हो तुम्हारा
तुम्हें ये गँवारा भी तो नही,पर क्या कह पाओगे तुम मुझे
कभी कि मेरे लिए दुआएँ करना छोड़ दो।
कभी कभी यूँ लगता है,मेरा ना होना कभी तो तुम्हें भी
परेशान करता होगा,पर जता पाओगे क्या कभी तुम??"
कभी तुम्हारे ना होने से मेरी आँखों मे आंसू छलक
अाते है,क्या कभी वो शाम अाएगी जिस रोज तुम
मुझे इजाजत दे दोगे तुम्हारे लिए मुस्कुराने की।
कभी कभी मेरे दिल में ये ख्याल आता है कि,क्या
मेरी दुआओ मे इतना असर होगा,कि तुम्हारे
नाम से हर दुआ कबूल होगी।
कभी कभी मेरे होठों की हँसी ओर आँखों की नमी
दोनों बन जाते हो तुम।
कभी कभी यूँ लगता है काश लौट आओ तुम।
कभी कभी यूँ लगता है काश लौट आओ तुम।"
हर तरफ बस तुम्हारी ही कमी थी।कितने अजीब
ख्यालात थे उस रोज,जब तुमने मुझे तुम्हारे बिना
रहने के लिए कहा था,कुछ अल्फाज उमड अाये थे
"कभी कभी यूँ लगता है,मेरी खामोशी तुम्हें समझ नही अाती,मेरे अल्फाज जो अाज भी तुम्हारे इन्तजार मे बैठे है,क्या कभी सुन पाओगे तुम उन्हें।
कभी कभी यूँ लगता है,मेरी दुआओं मे नाम हो तुम्हारा
तुम्हें ये गँवारा भी तो नही,पर क्या कह पाओगे तुम मुझे
कभी कि मेरे लिए दुआएँ करना छोड़ दो।
कभी कभी यूँ लगता है,मेरा ना होना कभी तो तुम्हें भी
परेशान करता होगा,पर जता पाओगे क्या कभी तुम??"
कभी तुम्हारे ना होने से मेरी आँखों मे आंसू छलक
अाते है,क्या कभी वो शाम अाएगी जिस रोज तुम
मुझे इजाजत दे दोगे तुम्हारे लिए मुस्कुराने की।
कभी कभी मेरे दिल में ये ख्याल आता है कि,क्या
मेरी दुआओ मे इतना असर होगा,कि तुम्हारे
नाम से हर दुआ कबूल होगी।
कभी कभी मेरे होठों की हँसी ओर आँखों की नमी
दोनों बन जाते हो तुम।
कभी कभी यूँ लगता है काश लौट आओ तुम।
कभी कभी यूँ लगता है काश लौट आओ तुम।"
2 comments
Write commentsvery nice n heart tuching bharti ji
ReplyThanks mam
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