तुम्हारी शून्यता Bharti Panwar शनिवार, जनवरी 29, 2022 Add Comment Bharti Panwar तुम्हारी शून्यता। जीवन किसी बहती धारा के जैसे है, जो अविरल धारा में बहता रहता है। कुछ अवरोध उसको भले रोकना चाहें, पर रोक नहीं पाते। ये धारा किसी भी ओर बहे, अपना मार्ग बना ही लेती है। तुम उस ओर बहते रहे और...