Best Heart touching Feelings
"कुछ बारिश के छींटे गिरे है आज,
कुछ तेज हवाएँ चली है,कुछ पुराने से मौसम लौट आए है।
जैसे जब हुआ करते थे,जब तुम मुस्कुराकर मेरी दोपहर को ठंडा कर दिया करते थे।"
"आज तेज हवाएं चल रही है,पर उतनी तेज भी नहीं
कि मेरे जेहन से तुम्हारी यादों की परत को उडा पाये।
आज याद आ रही है वो शाम जब पहली बार बारिश में भीगने के बाद तुम्हें जुकाम लगा था और मैंने तुम्हें खूब डाँटा था कि क्या जरूरत थी तुम्हें भीगने की।"
"और तुम बस सिर झुकाकर मुस्कुराये थे,जैसे मेरी डाँट सुनने के लिए तुमने जान-बूझकर जुकाम लगाया हो।
तुमने बहुत जोर से छींकते हुए कहा था -
मुझे तुम्हारे हाथों की बनी अदरक वाली चाय पीनी है।
ये जुकाम बस एक कप चाय के लिए मेरे पास चला आया है।"
"तुम्हारी वो शरारती मुस्कान जिसको देखकर मैंने तुम्हारे कांधे पर धीरे से एक मुक्का मारते हुए कहा था -
एक कप चाय के लिये बारिश में भीगना जरूरी था??
मैं एक बार नहीं हजार बार तुम्हारे लिए चाय बना सकती हूँ,बशर्ते तुम ठीक हो।
पहली दफा मुझे किसी की इतनी फिक्र हुई थी।
मैं तुम्हारी सारी तकलीफ खुद पर लेना चाहती थी,
ताकि फिर दोबारा कभी तुम्हें ये जुकाम ना सताये।"
"और तुम्हें जैसे हर उस चीज़ से प्यार था,जो तुम्हें तकलीफ दिया करती थी।
तुम्हें अच्छा लगता था मुझे तुम्हारे लिए फिक्रमंद देखना।
तुम जान-बूझकर हर वो चीज़ किया करते थे,
जिससे मैं तुम्हें डाँटू।
वो तुम्हारा गर्म पकौड़े में हाथ जला लेना और मेरा दौडकर तुम्हारा हाथ पानी के गिलास में डाल देना।
कितना हँसे थे तुम उस रोज,और मेरा वो फर्स्ट ऐड का सामान,जब मैंने तुम्हारे हाथ पर कोलगेट लगाया था।
जिसके लिए तुम अक्सर मुझे डॅा. बुलाया करते थे।"

"आज सर्द हुयी इस रात में मुझे तुम्हारी वो अदरक वाली चाय याद आ रही है,तुम्हारे बहाने से जिसको तुम्हारे साथ मैं भी पी लिया करती थी।
आज जुकाम लगा है मुझे,पर ये वो तुम्हारे हिस्से का जुकाम नहीं,जिसको मैं भगवान से दुआओं में माँगा करती थी।
ये वो जुकाम है जो आज तुम्हारी कुछ यादों में आँसू गिराने से चला आया।
तुम्हारे हिस्से का तो कुछ भी नहीं आया मेरे हिस्से।
ना तुम आये कभी और ना तुम्हारे गम।
बस कुछ आया है तो बस वो बेगानापन।
जैसे तुम कभी थे ही नहीं,जैसे मैं कभी थी ही नहीं।
जैसे वो सब बस एक छोटा सा ख्वाब था,जब तुम साथ हुआ करते थे।"
"बड़ी अजीब है जिन्दगी दो पल साथ बिताये पल सदियों तक भुलाने मुश्किल है।
काश कभी तुम भी उन पलो को याद कर पाते।
काश ये बारिश आज फिर से ले आती तुम्हें मेरे पास एक कप चाय पीने के लिए।
काश आज फिर से तुम बारिश में भीगते और मैं तुम्हें डाँट पाती जुकाम लगाने के लिए
काश ...........
2 टिप्पणियाँ
Write टिप्पणियाँVery Pure and heart touching ...
ReplySimply superb..
👌💐
Thanks sir
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