कभी कभी

कभी कभी
एक शाम जो तुम्हारे बिना गुजरी थी,खामोशी ओर हर तरफ बस तुम्हारी ही कमी थी।कितने अजीब ख्यालात थे उस रोज,जब तुमने मुझे तुम्हारे बिना रहने के लिए कहा था,कुछ अल्फाज उमड अाये थे "कभी कभी यूँ लगता है,मेरी खामोशी तुम्हें...

तुम ओर मैं

तुम ओर मैं
  💓💓 एक रोज तुमने कहा था- 💖💗💖 💗💖💗 "ये दिल अजीब है अक्सर सवाल करता है, जवाब जिनका नहीं वो सवाल करता है।" ओर मैनें तुम्हें खामोशी से जवाब दिया था - "तुम चुप रहोगे तो क्या ये दिल,❤❤ सवाल करना...

बारिश ओर तुम

बारिश ओर तुम
✎मेरी कलम के अल्फाज तुमसे शुरू होकर तुम तक सिमट जाते है। कभी कभी यूँ लगता है कि तुम बारिश के जैसे हो।☔☔ कितनी दफा बिन बूंदों के भिगोया है तुमने।🌂☔🌂☔ कितनी दफा मैनें तुम्हें इन बारिश की बूंदों के रुप में हथेलियों...