मंजिलें और अपने

मंजिलें और अपने
Personal thoughts "मैंने कितनी दफा बेनिंदो के रात गुजारी थी,कब सोचा था एक दिन मंजिल भी पास होगी और सपने भी पूरे होंगे। कुछ कमी होगी तो बस अपनों की।" हममें से 90% लोग बहुत ऊँचे ऊँचे सपने देखते हैं।कोई खाली...

सूटकेस में जिन्दगी

सूटकेस में जिन्दगी
Best Sentimental Feelings "आज चले आये है कहीं दूर,अपनों की यादें लिए। कब सोचा था कि जिन्दगी एक दिन एक सूटकेस में सिमटकर रह जायेगी। जिसमें कैद होंगी अपनों की कुछ यादें, कुछ बिखरे से किस्से और मम्मी के कुछ अधूरे...